कला उत्सव में विजेता पुरस्कृत, राष्ट्रीय स्तर पर राजस्थान का करेंगे प्रतिनिधित्व
अजमेर। राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के राज्य स्तरीय कला उत्सव 2016 के अन्तर्गत आयोजित प्रतियोगिताओं में विजेताओं को समापन समारोह के दौर...
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अजमेर। राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के राज्य स्तरीय कला उत्सव 2016 के अन्तर्गत आयोजित प्रतियोगिताओं में विजेताओं को समापन समारोह के दौरान जिला प्रमुख वंदना नोगिया माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डाॅ. बी.एल.चौधरी ने पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया गया। अजमेर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष शिव शंकर हेड़ा ने भी विद्यार्थियों को प्रोत्साहित किया।
माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डाॅ. बी.एल. चौधरी ने कहा कि रमसा द्वारा लोक संस्कृति को आगे बढ़ाने के लिए विद्यार्थियों को उचित मंच उपलब्घ करवाए जाने से राजस्थान की प्रतिभाएं आगे आएंगी तथा वे राष्ट्रीय स्तर पर राज्य का नाम रोशन करेंगी। शिक्षा बोर्ड द्वारा भी सृजनात्मक प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती है। विद्यार्थी कला का प्रदर्शन करके नई ऊर्जा प्राप्त करते है। इससे लोक कलाओं को एक से दूसरी पीढ़ी में स्थानान्तरित करने के लिए वातावरण बनता है। प्रत्येक बालक अपनी नैसर्गिक क्षमताओं एवं रूचियों के साथ जन्म लेता है। अध्यापक एवं प्रशिक्षक शिल्पी की तरह गढ़कर कलाकार तैयार करते है।
जिला प्रमुख वंदना नोगिया ने कहा कि यह समय प्रतियोगिताओं का है। बाल्यावस्था से ही प्रतियोगिताओं में भाग लेने से विद्यार्थी भावी जीवन के लिए तैयार हो जाते है। ऐसे विद्यार्थी शीघ्र ही अपना लक्ष्य तय करके उसे प्राप्त करने में जुट जाते है। शिक्षक विद्यार्थी को शिक्षत करके उचित राह दिखाते है। इससे सफलता की दर बढ़ जाती है। शिक्षक विद्यार्थियों एवं अभिभावकों के सपनों को पूर्ण करने के लिए प्रयास करते है।
उन्होंने कहा कि सभी विद्यार्थियों में कोई ना कोई कला होती है। उसके बार-बार अभ्यास एवं प्रदर्शन से कला में निखार आ जाता है। विद्यार्थी कला के दम पर जिला एवं राज्य का नाम राष्ट्रीय स्तर पर रोशन करता है। विद्यार्थी को उच्च स्तर पर पहुंचने के बाद भी अपनी संस्कृति और संस्कारों को याद रखना चाहिए।
राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के सहायक निदेशक एम.पी.गर्ग ने कहा कि राजस्थान कला की दृष्टि से सम्पन्न राज्य है। राज्य के राजकीय विद्यालयों के विद्यार्थियों की कला को मंच प्रदान करने के लिए आयोजित कला उत्सव में विभिन्न प्रतियोगिताओं में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले दल 15 से 20 नवम्बर को राष्ट्रीय कला उत्सव में भाग लेंगे।
इस राज्य स्तरीय कला उत्सव में 33 जिलों के 713 प्रतिभागियों ने भाग लिया। समस्त प्रतियोगिताओं में प्रथम स्थान प्राप्त करने वालों को 25 हजार, द्वितीय को 15 हजार एवं तृतीय को 11 हजार की राशि समान रूप से पुरस्कार स्वरूप वितरित की गई। सामूहिक नृत्य प्रतियोगिता में 29 दलों के 245 प्रतिभागी शामिल थे। इसमें जालोर प्रथम, जोधपुर द्वितीय तथा बारां तृतीय स्थान पर रहे। दृश्य कला प्रतियोगिता में 23 दलों के 63 प्रतिभागियों ने भाग लिया इसमें श्रीगंगानगर प्रथम, दौसा द्वितीय तथा राजसंमद तृतीय स्थान पर रहा।
इसी प्रकार सामूहिक गायन प्रतियोगिता में 26 दलों के 182 प्रतिभागियों मे से अलवर ने प्रथम, बूंदी ने द्वितीय तथा राजसमंद ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। नाट्य प्रतियोगिता में 28 दलों के 245 प्रतिभागियों ने अपनी प्रतिभा प्रदर्शित की ओर उदयपुर प्रथम, नागौर द्वितीय तथा चुरू तृतीय स्थान पर रहे।
इस अवसर पर जिला शिक्षा अधिकारी सुशील कुमार गहलोत, सुरेश व्यास, अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी दर्शना शर्मा, रमसा के समन्वयक रामनिवास गालव एवं सावत्री राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय की प्रधानाचार्य लीलामणी गुप्ता मौजूद थे।
माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डाॅ. बी.एल. चौधरी ने कहा कि रमसा द्वारा लोक संस्कृति को आगे बढ़ाने के लिए विद्यार्थियों को उचित मंच उपलब्घ करवाए जाने से राजस्थान की प्रतिभाएं आगे आएंगी तथा वे राष्ट्रीय स्तर पर राज्य का नाम रोशन करेंगी। शिक्षा बोर्ड द्वारा भी सृजनात्मक प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती है। विद्यार्थी कला का प्रदर्शन करके नई ऊर्जा प्राप्त करते है। इससे लोक कलाओं को एक से दूसरी पीढ़ी में स्थानान्तरित करने के लिए वातावरण बनता है। प्रत्येक बालक अपनी नैसर्गिक क्षमताओं एवं रूचियों के साथ जन्म लेता है। अध्यापक एवं प्रशिक्षक शिल्पी की तरह गढ़कर कलाकार तैयार करते है।
जिला प्रमुख वंदना नोगिया ने कहा कि यह समय प्रतियोगिताओं का है। बाल्यावस्था से ही प्रतियोगिताओं में भाग लेने से विद्यार्थी भावी जीवन के लिए तैयार हो जाते है। ऐसे विद्यार्थी शीघ्र ही अपना लक्ष्य तय करके उसे प्राप्त करने में जुट जाते है। शिक्षक विद्यार्थी को शिक्षत करके उचित राह दिखाते है। इससे सफलता की दर बढ़ जाती है। शिक्षक विद्यार्थियों एवं अभिभावकों के सपनों को पूर्ण करने के लिए प्रयास करते है।
उन्होंने कहा कि सभी विद्यार्थियों में कोई ना कोई कला होती है। उसके बार-बार अभ्यास एवं प्रदर्शन से कला में निखार आ जाता है। विद्यार्थी कला के दम पर जिला एवं राज्य का नाम राष्ट्रीय स्तर पर रोशन करता है। विद्यार्थी को उच्च स्तर पर पहुंचने के बाद भी अपनी संस्कृति और संस्कारों को याद रखना चाहिए।
राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के सहायक निदेशक एम.पी.गर्ग ने कहा कि राजस्थान कला की दृष्टि से सम्पन्न राज्य है। राज्य के राजकीय विद्यालयों के विद्यार्थियों की कला को मंच प्रदान करने के लिए आयोजित कला उत्सव में विभिन्न प्रतियोगिताओं में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले दल 15 से 20 नवम्बर को राष्ट्रीय कला उत्सव में भाग लेंगे।
इस राज्य स्तरीय कला उत्सव में 33 जिलों के 713 प्रतिभागियों ने भाग लिया। समस्त प्रतियोगिताओं में प्रथम स्थान प्राप्त करने वालों को 25 हजार, द्वितीय को 15 हजार एवं तृतीय को 11 हजार की राशि समान रूप से पुरस्कार स्वरूप वितरित की गई। सामूहिक नृत्य प्रतियोगिता में 29 दलों के 245 प्रतिभागी शामिल थे। इसमें जालोर प्रथम, जोधपुर द्वितीय तथा बारां तृतीय स्थान पर रहे। दृश्य कला प्रतियोगिता में 23 दलों के 63 प्रतिभागियों ने भाग लिया इसमें श्रीगंगानगर प्रथम, दौसा द्वितीय तथा राजसंमद तृतीय स्थान पर रहा।
इसी प्रकार सामूहिक गायन प्रतियोगिता में 26 दलों के 182 प्रतिभागियों मे से अलवर ने प्रथम, बूंदी ने द्वितीय तथा राजसमंद ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। नाट्य प्रतियोगिता में 28 दलों के 245 प्रतिभागियों ने अपनी प्रतिभा प्रदर्शित की ओर उदयपुर प्रथम, नागौर द्वितीय तथा चुरू तृतीय स्थान पर रहे।
इस अवसर पर जिला शिक्षा अधिकारी सुशील कुमार गहलोत, सुरेश व्यास, अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी दर्शना शर्मा, रमसा के समन्वयक रामनिवास गालव एवं सावत्री राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय की प्रधानाचार्य लीलामणी गुप्ता मौजूद थे।