शिक्षा में सुधार के लिए "मिनिस्टर ऑन व्हील" कार्यक्रम होगा शुरू

अजमेर। शिक्षा राज्य मंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में शिक्षा के उन्नयन एवं संवर्द्धन के लिए हर संभव प्रयास कर...

अजमेर। शिक्षा राज्य मंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में शिक्षा के उन्नयन एवं संवर्द्धन के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। शिक्षक भी समाज के प्रति अपने दायित्व का निर्वहन करते हुए  सरकार के इन प्रयासों में सहभागिता निभाएं । शिक्षक विद्यार्थी को भावी जीवन के लिए तैयार करने के साथ ही उसे राष्ट्रभक्त एवं सुयोग्य नागरिक के रूप में भी तैयार करें। प्रदेश में शिक्षा में सुधार के लिए शीघ्र ही मिनिस्टर आॅन व्हील कार्यक्रम शुरू होगा। इसमें शिक्षा मंत्राी स्वयं अपने यात्रा मार्गों पर पड़ने वाले स्कूलों का आकस्मिक निरीक्षण कर व्यवस्थाएं जांचेंगे। अधिकारी भी इसी तरह का जांच अभियान चलाएंगे।

शिक्षा राज्य मंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी ने यह बात गुरूवार को तोपदड़ा उच्च माध्यमिक विद्यालय में आयोजित संस्था प्रधानों की वाकपीठ संगोष्ठी में कही । उन्होंने कहा कि राज्य में शिक्षा के स्तर में आमूलचूल परिवर्तन के लिए राज्य सरकार पूरे मनोयोग, गंभीरता एवं समर्पण के साथ  कार्य कर रही है। प्रदेश के सभी स्कूलों में संस्था प्रधान लगाएं गए है। प्रदेश में जिला शिक्षा अधिकारियों के लगभग सभी पदों पर नियुक्ति कर दी गई है। विद्यालयों में शिक्षक भी पर्याप्त मात्रा में लगाए जा रहे है। जहां रिक्त पद है  वहां करीब 13 हजार सेवानिर्वित शिक्षकों की नियुक्ति की जा रही है।

प्रो. देवनानी ने कहा कि राज्य सरकार नये शिक्षकों की भर्ती भी शीघ्र करने जा रही है। शीघ्र ही रीट के माध्यम से 15 हजार तृतीय श्रेणी एवं राजस्थान लोक सेवा आयोग के माध्यम से 13 हजार व्याख्याताओं की भर्ती की जाएगी। बड़ी संख्या में हजारों शिक्षकों को पदोन्नति दी गई है। शिक्षकों से जुड़ी समस्याओं का भी प्राथमिकता के आधार पर निस्तारण किया जा रहा है। अब शिक्षकों की जिम्मेदारी है कि वे सरकार के इन प्रयासों में पूरा साथ दें एवं शिक्षा के क्षेत्रा में नये कीर्तिमान एवं आदर्श स्थापित करें।

उन्होंने कहा कि शिक्षा में गुणवत्ता लाना बहुत जरूरी है । इसके लिए शीघ्र ही मिनिस्टर आॅन व्हील कार्यक्रम शुरू होगा। इसमें शिक्षा राज्य मंत्री प्रो. देवनानी स्वयं अपने यात्रा मार्गों पर पड़ने वाले स्कूलों का आकस्मिक निरीक्षण करेंगे। अधिकारियों को भी इस कार्यक्रम के तहत आकस्मिक निरीक्षण करना होगा। लापरवाही बरतने वाले शिक्षकों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।  साथ ही राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की शत प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए चरणबद्ध तरीके से बायोमैट्रिक पद्धति से हाजरी ली जाएंगी।

प्रो. देवनानी ने कहा कि किसी भी स्कूल की उन्नति वहां के संस्था प्रधान पर निर्भर करती है। संस्था प्रधान स्कूलों को अपना परिवार मानकर कार्य करें तो निश्चित रूप से सकारात्मक परिणाम मिलेंगे। संस्था प्रधान स्कूल समय के अतिरिक्त समय देकर अपने विद्यालय की उन्नति कर मिसाल पेश करें। शिक्षकों एवं विद्यार्थियों से परिवार की तरह व्यवहार करें तो शानदार परिणाम मिल सकते है।

शिक्षा राज्य मंत्री ने स्कूल मैनेजमेंट कमेटी को सशक्त बनाने की वकालत करते हुए कहा कि संस्था प्रधान ऐसे लोगों को कमेटी में जोड़ें जो कि प्रभावशाली हो तथा स्कूल की उन्नति में भागीदार बन सकें। भामाशाहों को भी सक्रिय रूप से स्कूल में जोड़ा जाएं। राज्य सरकार द्वारा चलायी जा रही कल्याणकारी योजनाओं के लिए स्कूलों को बुकलेट भिजवायी जा रही है। उसे विद्यार्थियों को अवगत कराया जाए ताकि वे इस जानकारी का अधिकतम उपयोग कर सकें।

प्रो. देवनानी ने पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न स्वर्गीय  ए.पी.जे.अब्दुल कलाम का उदाहरण देते हुए कहा कि वे अपने अंतिम समय में भी विद्यार्थियों के बीच रहेे। शिक्षक को भविष्य निर्माता एवं भगवान का दर्जा प्राप्त है। शिक्षक अपनी इस भूमिका में खरे उतरे एवं विद्यार्थियों को राष्ट्रभक्त एवं सुयोग्य नागरिक बनाने के लक्ष्य को प्राप्त करें । उन्होंने कहा कि यदि हम सब एकजुट होकर कार्य करें तो राजस्थान शिक्षा के क्षेत्रा में अग्रणी प्रदेश बन सकता है।

उन्होंने कहा कि सरकार शीघ्र ही शिक्षकों का मूल्यांकन करने जा रही है। जिस विद्यालय की जितनी अधिक छात्राएं गार्गी पुरस्कार प्राप्त करेंगी उस विद्यालय के शिक्षकों को सम्मानित किया जाएगा। शिक्षक अपने विद्यालय को आदर्श के रूप में विकसित करें तथा विद्यार्थियों को सीख पर स्वयं भी अमल करें। जिन विद्यालयों में प्राथमिक एवं प्रारम्भिक विद्यालय मर्ज किए गए है। वे विद्यालय निचली कक्षाओं को भी पूरी गंभीरता के साथ अपना मानकर शिक्षण करवाएं ।

कार्यक्रम में राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष प्रो. बी.एल. चौधरी ने कहा कि संस्था प्रधान विद्यालय की धुरी होता है। एक संस्था कितनी तरक्की करेगी यह उस संस्था के प्रधान पर निर्भर है। शिक्षक वर्ग तय करे कि वह कैसे रहना चाहता है, कितनी तरक्की करना चाहता है। शिक्षक विद्यार्थियों के प्रति अपने दायित्व का भी निर्वहन करें। राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड शीघ्र ही विद्यार्थियों के लिए कैरियर काउंसलिंग सेमीनार का आयोजन करेगा।

कार्यक्रम को शिक्षा विभाग के अधिकारियों एवं संस्था प्रधानों ने भी सम्बोधित किया। वाकपीठ में शिक्षा एवं विद्यालयों से जुड़े विभिन्न विषयों पर चर्चा की गई ।
    
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