50 साल से कम उम्र वाले शिक्षकों को गर्ल्स स्कूल में नौकरियों पर नहीं लेना चाहिए : रामबिलास शर्मा
गौरतलब है कि हरियाणा के शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा अपने विवादास्पद बयानों और फैसलों को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहते हैं और उन्होंने लड़कियों को पढ़ाने वाले शिक्षकों की उम्र को लेकर दिए गए बयान से एक बार फिर विवाद को हवा दी है। शिक्षा मंत्री के अनुसार, चालीस वर्ष या उससे कम उम्र वाले पुरुष शिक्षकों को लड़कियों की स्कूलों में नौकरियों पर नहीं लेना चाहिए। क्योंकि यह महिला सुरक्षा से जुड़ा हुआ बड़ा कदम साबित हो सकता है।
शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा का कहना है कि, 'पुराने समय में लड़कों और लड़कियों की शिक्षा के लिए शैक्षिक संस्थानों में एक समान व्यवस्था थी, लेकिन बाद मेें स्वामी दयानंद सरस्वती की सिफारिशों के बाद दोनों के शिक्षा संस्थानों को अलग कर दिया गया था। उन्होंने अपनी पुस्तक 'सत्यार्थ प्रकाश' में भी लिखा था कि लड़कों और लड़कियों की स्कूल अलग अलग होनी चाहिए। इसके चलते देशभर में इसका पालन किया गया।'
सूत्रों के मुताबिक, यह फैसला प्राकृतिक हिंदू दर्शन पर आधारित है, जिसके अनुसार एक तय सीमा के बाद लड़कियों को विशेष सुरक्षा की आवश्यकता होती है। वहीं इस बात की भी आशंका बनी रहती है कि इस उम्र के बाद शिक्षक लड़कियों के प्रति आकर्षित हो सकते हैं।
गौरतलब है कि शर्मा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के एक सक्रिय सदस्य हैं, जिन्हें ये लगता है कि लड़कियों को एक स्वस्थ वातावरण प्रदान करने की दिशा में यह फैसला काफी मददगार साबित हो सकता है। साथ ही वे किसी प्रकार से विचलित भी नहीं होंगी।