अरूण जेटली ने किया 'एक देश-एक कर' प्रणाली का जमकर समर्थन

Arun Jaitley, GST, Tax, One Nation One Tax, Corruption, India Islamic Cultural Centre, अरूण जेटली, एक देश एक कर, वस्तु व सेवा कर, जीएसटी, इंडिया इस्लामिक कल्चर सेंटर
नई दिल्ली। सरकार की ओर से वस्तु व सेवा कर (जीएसटी) विधेयक को पारित करवाने के लिए नए सिरे से की जा रही तैयारी कवायदों के बीच वित्त मंत्री अरूण जेटली ने दिलचस्प बयान दिया है, जिसमें उन्होंने 'एक देश-एक कर' प्रणाली का जमकर समर्थन किया है। 'एक देश-एक कर' की उपयोगिता पर जोर देते हुए जेटली ने कहा कि इस प्रणाली से कराधान का स्तर कम होगा और भ्रष्टाचार को खत्म किए जाने में भी काफी मदद मिलेगी।

जेटली ने ये बात इंडिया इस्लामिक कल्चर सेंटर में डॉ एपीजे अब्दुल कलाम स्मृति व्याख्यान के दौरान कही। उन्होंने कहा कि भारत पहले की तरह स्पेक्ट्रम या कोयला खान विवादों को अब वहन नहीं कर सकता।

उन्होंने कहा, एक देश एक कर का यह सारा विचार करों के स्तर को कम करने के लिए ही नहीं बल्कि व्यापार सुगमता उपलब्ध कराने तथा सभी तरह के भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए भी भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि भारत ऐसी अप्रत्यक्ष कर प्रणाली वहन नहीं कर सकता, जहां किसी पर हर बिंदु पर कर लगे।

वित्त मंत्री ने कहा कि भारत को सभी तरह के निवेश की जरूरत है। उन्होंने कहा, निजी क्षेत्र से निवेश तभी आएगा जबकि भारत श्रेष्ठ निवेश गंतव्य बनेगा। उसके लिए भारत को भ्रष्टाचार से मुक्ति पानी होगी, भारत में निर्णय प्रक्रिया तेज करनी होगी, भारत में व्यापार के लिए बहुत ही सुगम माहौल होना चाहिए। उन्होंने कहा कि विदेशी निवेश प्रक्रिया को उदार बनाये जाने के बावजूद राज्य के स्तर पर इसमें देरी हो रही है।

उल्लेखनीय है कि लगभग सभी तरह के अप्रत्यक्ष कर प्रस्तावित जीएसटी में सम्माहित हो जाएंगे। सरकार जीएसटी के लिए संविधान संशोधन विधेयक को अगले सप्ताह राज्यसभा में पारित करवाना चाह रही है।


Arun Jaitley | GST | Tax | One Nation One Tax | Corruption | India Islamic Cultural Centre | अरूण जेटली | एक देश एक कर | वस्तु व सेवा कर | जीएसटी | इंडिया इस्लामिक कल्चर सेंटर

इस लेख पर अपने विचार व्यक्त करें...

Related Posts

Headlines 940154140948951796
item