महात्मा गांधी के पोते कनु गांधी का लंबी बीमारी के बाद सूरत में निधन
https://khabarrn1.blogspot.com/2016/11/Mahatma-Gandhi-grandson-Kanu-Gandhi-passes-away-in-Surat.html
सूरत। देश की आजादी मेें अहम भूमिका निभाने वाले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पोते कनु रामदास गांधी का लंबी बीमारी के बाद सूरत में निधन हो गया है। एमआईटी से शिक्षा प्राप्त कर नासा में काम कर चुके कनु पिछले काफी समय से बीमार चल रहे थे और वे सूरत के एक अस्पताल में भर्ती थे। गौरतलब है कि वे कुछ समय पहले दिल्ली-फरीदाबाद बॉर्डर स्थित गुरु विश्राम वृद्ध आश्रम में रहे थे।
जब कनु गांधी बच्चे थे तब वह अपने दादा मोहनदास करमचंद गांधी के 1930 के ऐतिहासिक ‘नमक सत्याग्रह’ में भी शामिल हुए थे। उस समय गुजरात के डांडी गांव में समुद्र तट पर कनु गांधी अपने दादा की लाठी को पकड़े हुए उन्हें आगे ले जाते हुए एक तस्वीर आई थी। आठ दशक बाद भी यह तस्वीर लोगों के जहन में बसी हुई है। यह तस्वीर मुंबई के जुहू समुद्र तट और देश के अलग-अलग हिस्सों में बनाए गए संग्रहालयों में लगकर अमर हो चुकी है।
गज्ञैरतलब है कि कनु रामदास गांधी अमेरिकी अंतरिक्ष संस्था नासा के पूर्व वैज्ञानिक रह चुके थे। कनु गांधी की पत्नी का नाम शिवलक्ष्मी है, उनकी कोई भी संतान नहीं है। कनु ने 25 साल तक नासा की सेवा की। चार दशक बाद 2014 में स्वदेश लौटने के बाद उनके हालात बुरे हो गए थे।
जब कनु गांधी बच्चे थे तब वह अपने दादा मोहनदास करमचंद गांधी के 1930 के ऐतिहासिक ‘नमक सत्याग्रह’ में भी शामिल हुए थे। उस समय गुजरात के डांडी गांव में समुद्र तट पर कनु गांधी अपने दादा की लाठी को पकड़े हुए उन्हें आगे ले जाते हुए एक तस्वीर आई थी। आठ दशक बाद भी यह तस्वीर लोगों के जहन में बसी हुई है। यह तस्वीर मुंबई के जुहू समुद्र तट और देश के अलग-अलग हिस्सों में बनाए गए संग्रहालयों में लगकर अमर हो चुकी है।
गज्ञैरतलब है कि कनु रामदास गांधी अमेरिकी अंतरिक्ष संस्था नासा के पूर्व वैज्ञानिक रह चुके थे। कनु गांधी की पत्नी का नाम शिवलक्ष्मी है, उनकी कोई भी संतान नहीं है। कनु ने 25 साल तक नासा की सेवा की। चार दशक बाद 2014 में स्वदेश लौटने के बाद उनके हालात बुरे हो गए थे।