दुनिया के आधे लोगों की नौकरियां अगले 30 साल में चढ़ जाएगी तकनीक और मशीनरी की भेंट
https://khabarrn1.blogspot.com/2016/02/technology-and-machinery-to-end-the-jobs-of-people-in-next-30-year.html
नई दिल्ली। आज तकनीक का जमाना है और तकनीक ने दुनियाभर में नित-नई मशीनरी को जन्म दिया है। तकनीक के इसी बढ़ते हुए दायरे से एक ओर जहां मशीनों ने कई कामों को आसान किया है, वहीं दूसरी और कई इंसानों के लिए दुविधा की खड़ी की है। मशीनरी की नित-नई उत्पत्तियों को देखते हुए ऐसा अंदेशा जताया जा रहा है कि अगले 30 सालों में दुनियाभर के आधे लोगों की नौकरियां इसी मशीनरी की भेंट चढ़ जाएगी।
कुछ ऐसा ही दावा किया है एक कंप्यूटर वैज्ञानिक ने, जिसके अनुसार तकनीकी और मशीनों के बढ़ते विकास के चलते 30 सालों में दुनिया के आधे लोगों की नौकरियां छीन जाएंगी। इस कंप्यूटर वैज्ञानिक का कहना है कि मशीनें हर तरह का काम करने में सक्षम होती जा रही है और अगले 30 सालों में ये और भी सक्षम बन जाएगी। तब मशीनें ही सभी कामों को करने के लायक बन जाएगी और फिर इंसानों के पास कोई काम नहीं होगा।
अंगरेही अखबार गार्जियन की एक खबर के मुताबिक, 'अमेरिकन एसोसिएशन फॉर द एडवांसमेंट ऑफ साइंस' से मोशे वारदी ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की दिशा में विज्ञान जितनी तेजी से काम कर रहा है, इससे दुनिया की अर्थव्यवस्था को बड़ा खतरा है। गौरतलब है कि इससे पहले वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग और माइक्रोसॉफ्ट के फाउंडर बिल गेट्स भी मामले पर चिंता जता चुके हैं।
राइस यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर मोशे वारदी ने कहा कि तकनीक बिना पायलट वाले ड्रोन से भी ज्यादा खतरनाक हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से वैश्विक स्तर पर बेरोजगारी का खतरा 50 फीसदी तक बढ़ सकता है। इससे मध्यम वर्ग सबसे ज्यादा प्रभावित होगा। इस संदर्भ में चीन का भी उदाहरण दिया गया और कहा गया कि फॉक्सकॉन और सैमसंग जैसी इलेक्ट्रॉनिक कंपनियां अब इंसानों का काम रोबोट से करवा रहे हैं।
वारदी ने कहा कि कि अगले 25 साल में सड़कों पर सिर्फ ऑटोमेटेड ड्राइविंग गाड़ियां ही होंगी। उन्होंने कहा कि आपकी हर जरूरत के काम को पूरा करने के लिए आपके पास जब मशीनों की सुविधा उपलब्ध होगी, तो फिर ऐसे में इंसानों के करने के लिए कोई काम नहीं रह पाएगा। इसी के चलते दुनियाभर के आधे लोगों को अपनी नौकरियां गंवानी पद सकती है।
कुछ ऐसा ही दावा किया है एक कंप्यूटर वैज्ञानिक ने, जिसके अनुसार तकनीकी और मशीनों के बढ़ते विकास के चलते 30 सालों में दुनिया के आधे लोगों की नौकरियां छीन जाएंगी। इस कंप्यूटर वैज्ञानिक का कहना है कि मशीनें हर तरह का काम करने में सक्षम होती जा रही है और अगले 30 सालों में ये और भी सक्षम बन जाएगी। तब मशीनें ही सभी कामों को करने के लायक बन जाएगी और फिर इंसानों के पास कोई काम नहीं होगा।
अंगरेही अखबार गार्जियन की एक खबर के मुताबिक, 'अमेरिकन एसोसिएशन फॉर द एडवांसमेंट ऑफ साइंस' से मोशे वारदी ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की दिशा में विज्ञान जितनी तेजी से काम कर रहा है, इससे दुनिया की अर्थव्यवस्था को बड़ा खतरा है। गौरतलब है कि इससे पहले वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग और माइक्रोसॉफ्ट के फाउंडर बिल गेट्स भी मामले पर चिंता जता चुके हैं।
राइस यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर मोशे वारदी ने कहा कि तकनीक बिना पायलट वाले ड्रोन से भी ज्यादा खतरनाक हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से वैश्विक स्तर पर बेरोजगारी का खतरा 50 फीसदी तक बढ़ सकता है। इससे मध्यम वर्ग सबसे ज्यादा प्रभावित होगा। इस संदर्भ में चीन का भी उदाहरण दिया गया और कहा गया कि फॉक्सकॉन और सैमसंग जैसी इलेक्ट्रॉनिक कंपनियां अब इंसानों का काम रोबोट से करवा रहे हैं।
वारदी ने कहा कि कि अगले 25 साल में सड़कों पर सिर्फ ऑटोमेटेड ड्राइविंग गाड़ियां ही होंगी। उन्होंने कहा कि आपकी हर जरूरत के काम को पूरा करने के लिए आपके पास जब मशीनों की सुविधा उपलब्ध होगी, तो फिर ऐसे में इंसानों के करने के लिए कोई काम नहीं रह पाएगा। इसी के चलते दुनियाभर के आधे लोगों को अपनी नौकरियां गंवानी पद सकती है।