पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 4 पैसे और 3 पैसे प्रति लीटर की मामूली कटौती
https://khabarrn1.blogspot.com/2016/02/minor-reduction-in-prices-of-petrol-and-diesel.html
नई दिल्ली। पेट्रोलियम कंपनियों ने आज एक बार फिर से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में मामूली कटौती की घोषणा की है। यह कटौती पेट्रोल के दाम में 4 पैसे और डीजल के दाम में 3 पैसे प्रति लीटर की दर से की गई है। कटौती के बाद अब दिल्ली में पेट्रोल के दाम 59.99 रुपए की जगह पर 59.95 रुपए प्रति लीटर तो डीजल के दाम 44.71 की जगह पर 44.68 रुपए प्रति लीटर हो गई है।
दूसरी ओर सरकार ने मोटर वाहन ईंधन पर उत्पाद शुल्क फिर बढ़ा दिया है, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट का स्थानीय उपभोक्ताओं को कोई बड़ा लाभ नहीं हुआ और पेट्रोल और डीजल के भाव नाम मात्र को कम हुए हैं। दरअसल, पिछले 15 दिनों में कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय दरों में प्रति डॉलर 4 डॉलर की गिरावट आने से पेट्रोल 1.04 रुपये प्रति लीटर जबकि डीजल 1.53 रुपये प्रति लीटर सस्ते होने चाहिए थे।
सरकार ने तो इनकी कीमतों की समीक्षा से एक दिन पहले यानी रविवार को ही पेट्रोल पर 1 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 1.50 रुपये प्रति लीटर की दर से एक्साइज ड्यूटी बढ़ा दी। सरकार का कहना है कि उसे वित्तीय घाटे को पाटने का लक्ष्य हासिल करने के लिए ऐसा करना पड़ रहा है। गौरतलब है कि एक्साइज ड्यूटी में हालिया वृद्धि से सरकार को 3,300 करोड़ रुपये मिलने का अनुमान है।
एक महीने में यह ईंधन पर उत्पाद शुल्क में तीसरी वृद्धि है। इससे सरकार को इस वित्त वर्ष के बचे महीनों में 3,200 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व मिलेगा। यदि नवंबर और दिसंबर, 2015 की दो उत्पाद शुल्क वृद्धि को भी जोड़ा जाए, तो सरकार को कुल मिलाकर 17,000 करोड़ रपये का अतिरिक्त राजस्व मिलेगा।
दूसरी ओर सरकार ने मोटर वाहन ईंधन पर उत्पाद शुल्क फिर बढ़ा दिया है, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट का स्थानीय उपभोक्ताओं को कोई बड़ा लाभ नहीं हुआ और पेट्रोल और डीजल के भाव नाम मात्र को कम हुए हैं। दरअसल, पिछले 15 दिनों में कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय दरों में प्रति डॉलर 4 डॉलर की गिरावट आने से पेट्रोल 1.04 रुपये प्रति लीटर जबकि डीजल 1.53 रुपये प्रति लीटर सस्ते होने चाहिए थे।
सरकार ने तो इनकी कीमतों की समीक्षा से एक दिन पहले यानी रविवार को ही पेट्रोल पर 1 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 1.50 रुपये प्रति लीटर की दर से एक्साइज ड्यूटी बढ़ा दी। सरकार का कहना है कि उसे वित्तीय घाटे को पाटने का लक्ष्य हासिल करने के लिए ऐसा करना पड़ रहा है। गौरतलब है कि एक्साइज ड्यूटी में हालिया वृद्धि से सरकार को 3,300 करोड़ रुपये मिलने का अनुमान है।
एक महीने में यह ईंधन पर उत्पाद शुल्क में तीसरी वृद्धि है। इससे सरकार को इस वित्त वर्ष के बचे महीनों में 3,200 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व मिलेगा। यदि नवंबर और दिसंबर, 2015 की दो उत्पाद शुल्क वृद्धि को भी जोड़ा जाए, तो सरकार को कुल मिलाकर 17,000 करोड़ रपये का अतिरिक्त राजस्व मिलेगा।