उत्तराखंड में एक बार फिर टूट सकता है कुदरत का कहर, भारी बारिश की आशंका
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देहरादून। साल 2013 में 17 जून की रात उत्तराखंड के केदारनाथ धाम में बादल फटने से कुदरत का कहर बनकर टूटी भारी बारिश ने आसपास के कई इलाकों में भारी तबाही मचाई थी और अब एक बार फिर से यहां भारी बारिश का अंदेशा जताया गया है। बताया जा रहा है कि अगले 72 घंटे में गढ़वाल मंडल के पांच जिलों में कई जगहों पर भारी बारिश के आसार हैं।
मौसम विज्ञान केंद्र ने गढ़वाल के पांच जिलों में भारी बारिश की संभावना जताते हुए लोगों को सतर्क रहने को कहा है। इसके साथ ही आपदा प्रबंधन केंद्र ने हरिद्वार और पौड़ी गढ़वाल सहित गढ़वाल के सभी जिलों को सतर्कता बरतने की सलाह दी है। चारधाम यात्रा को देखते हुए विशेष रूप से सजग रहने की जरूरत जताई गई है।
मौसम निदेशक विक्रम सिंह ने बुलेटिन जारी करते हुए वार्निग जारी की और बताया है कि गढ़वाल के कुछ जिलों में पश्चिमी विक्षोप का असर अगले कुछ घंटों में देखने को मिल सकता है, जिसमें गढ़वाल क्षेत्र का विशेष तौर पर जिक्र किया गया है। देहरादून सहित गढ़वाल क्षेत्र के कई इलाकों में जहां भारी बारिश का पूर्वानुमान है। वहीं राज्य के ज्यादातर हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश की भविष्यवाणी मौसम विभाग ने जारी की है।
उल्लेखनीय है कि साल 2013 में 17 जून की रात में केदारनाथ के ऊपरी इलाकों में स्थित पहाड़ों पर बादल फटने के बाद हुई भारी बारिश से यहां भयंकर तबाही हुई थी। इस तबाही में केदारनाथ मंदिर को भी काफी नुकसान हुआ था। वहीं आसपास के कई इलाकों में काफी बड़ी जानमाल की हानि हुई थी। हालांकि इस घटना का कारण पहाड़ों पर ग्लेशियर पिघलने को भी बताया गया था।
मौसम विज्ञान केंद्र ने गढ़वाल के पांच जिलों में भारी बारिश की संभावना जताते हुए लोगों को सतर्क रहने को कहा है। इसके साथ ही आपदा प्रबंधन केंद्र ने हरिद्वार और पौड़ी गढ़वाल सहित गढ़वाल के सभी जिलों को सतर्कता बरतने की सलाह दी है। चारधाम यात्रा को देखते हुए विशेष रूप से सजग रहने की जरूरत जताई गई है।
मौसम निदेशक विक्रम सिंह ने बुलेटिन जारी करते हुए वार्निग जारी की और बताया है कि गढ़वाल के कुछ जिलों में पश्चिमी विक्षोप का असर अगले कुछ घंटों में देखने को मिल सकता है, जिसमें गढ़वाल क्षेत्र का विशेष तौर पर जिक्र किया गया है। देहरादून सहित गढ़वाल क्षेत्र के कई इलाकों में जहां भारी बारिश का पूर्वानुमान है। वहीं राज्य के ज्यादातर हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश की भविष्यवाणी मौसम विभाग ने जारी की है।
उल्लेखनीय है कि साल 2013 में 17 जून की रात में केदारनाथ के ऊपरी इलाकों में स्थित पहाड़ों पर बादल फटने के बाद हुई भारी बारिश से यहां भयंकर तबाही हुई थी। इस तबाही में केदारनाथ मंदिर को भी काफी नुकसान हुआ था। वहीं आसपास के कई इलाकों में काफी बड़ी जानमाल की हानि हुई थी। हालांकि इस घटना का कारण पहाड़ों पर ग्लेशियर पिघलने को भी बताया गया था।