राज्यसभा में आज पेश होगा लोकपाल विधेयक
नई दिल्ली। भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वाले प्रमुख समाजसेवी अन्ना हजारे के रालेगण सिद्धी में आमरण अनशन पर बैठने के बाद बने दबाव से झुक...
बीजेपी ने इस मामले पर सरकार से कहा है कि सरकार चाहे तो लोकपाल विधेयक पर सिलेक्ट कमेटी की सिफारिशों को बिना चर्चा के पास करा ले, लेकिन समाजवादी पार्टी ने इसके विरोध की बात कही है। गौरतलब है कि पहले लोकपाल बिल 27 दिसंबर 2011 को लोकसभा में पास हुआ था और दो दिन बाद राज्यसभा में लाया गया था, लेकिन विपक्ष के संशोधनों और उसके बहुमत को देखते हुए सदन स्थगित कर दिया गया था।
वहीं आम आदमी पार्टी ने कहा है कि बीजेपी और कांग्रेस को लोकपाल विधेयक को बिना किसी बदलाव के पास करना चाहिए। बदलाव के साथ पास किया गया लोकपाल विधेयक देश के किसी काम का नहीं होगा। आम आदमी पार्टी के मुताबिक, लोकपाल विधेयक में एक लाइन का भी बदलाव उन्हें मंजूर नहीं है और अगर ऐसा किया जाता है तो इसका खामियाजा यूपीए सरकार को लोकसभा चुनाव में हार का सामना कर उठाना होगा।
उधर, हजारे की करीबी सहयोगी किरण बेदी मजबूत लोकपाल बिल के अपने पुराने मसौदे से पीछे हट गई हैं। एक न्यूज चेनल के कार्यक्रम में किरण बेदी ने कहा कि अगर सेलेक्ट कमेटी की सिफारिशें लोकपाल बिल में शामिल की जाती हैं तो भी वह तैयार हैं।
खास बात यह है कि लोकपाल बिल का यह मसौदा लोकपाल के उस मसौदे से काफी कमजोर है, जिसके लिए अन्ना हजारे ने एक बड़ा आंदोलन किया था। ऐसे में लग रहा है कि उनका रुख अब नरम पड़ गया है। कांग्रेस के सांसद संजय निरुपम ने एक न्यूज चेनल के कार्यक्रम में कहा कि सेलेक्ट कमेटी के सुझावों वाला लोकपाल पास होना एक बड़ी जीत होगी और इस मसले पर अब अन्ना और आम आदमी पार्टी के बीच दरार साफ नजर आ रही है।