बड़ा खुलासा : फर्जी कंपनी के लिए घूस मांगते 11 सांसद खुफिया कैमरे में कैद
नई दिल्ली। खोजी पत्रकारिता के लिए जानी जाने वाली वेबसाइट कोबरा पोस्ट ने फिर एक सनसनीखेज खुलासा किया है। कोबरापोस्ट के मुताबिक एक फर्जी व...

ये सांसद लगभग सभी प्रमुख दलों से जुड़े हैं। इसमें बीजेपी, कांग्रेस, बीएसपी, जेडीयू और एआईएडीएमके के सांसद शामिल हैं। इन्होंने एक फर्जी ऑस्ट्रेलियाई ऑयल कंपनी के हित में सिफारिशी चिट्ठी लिखने के बदले 50 हजार रुपये से लेकर 50 लाख रुपये तक मांगे। खुफिया कैमरे में कैद 11 सांसदों में से 6 ने तो बाकायदा पैसे लेकर सिफारिशी चिट्ठियां भी लिख दीं।
कोबरा पोस्ट ने इस अभियान का नाम 'ऑपरेशन फॉल्कन क्लॉ' रखा है और यह ऑपरेशन एक साल तक चला, जिसमे उनके संवाददाता ने खुद को ऑस्ट्रेलिया के क्वीन्सलैंड में बेस्ड एक ऑयल फर्म का प्रतिनिधि बताया।
इसके बाद कुछ बिचौलियों के सहारे सांसदों के स्टाफ तक पहुंचा गया और सांसदों से कहा गया कि वे देश की पेट्रोलियम मिनिस्ट्री को कंपनी के पक्ष में अनुशंसा के पत्र लिख दें। सांसदों को बताया गया कि कंपनी देश के पूर्वोत्तर राज्यों में तेल के खनन का काम करना चाहती है और इस प्रोजेक्ट पर 1 हजार करोड़ रुपए का निवेश करने को तैयार है।
कोबरा पोस्ट के मुताबिक इन 11 सांसदों में कांग्रेस के 2, बीजेपी के 3, एआईएडीएमके के 2, जेडीयू के 3 और बीएसपी की 1 सांसद शामिल हैं। कोबरापोस्ट का आरोप है कि किसी भी सांसद ने फर्जी ऑस्ट्रेलियाई कंपनी की सच्चाई के बारे में जानने की कोशिश नहीं की और वो आसानी से पेट्रोलियम मंत्रालय को इस फर्जी कंपनी के पक्ष में चिट्ठी लिखने के लिए तैयार हो गए।
कोबरा पोस्ट के मुताबिक कुल 11 सांसद रकम के बदले में ये लेटर लिखने को राजी हो गए। इनमें से छह ने तो ये लेटर जारी भी कर दिए। इसके लिए कांग्रेस के राजस्थान से सांसद खिलाड़ी लाल बैरवा ने सबसे ज्यादा 50 लाख रुपये की मांग की। किसी भी सांसद ने इस कंपनी के बारे में जानने की जहमत नहीं उठाई।
कोबरा पोस्ट के मुताबिक जेडीयू के समस्तीपुर से सांसद महेश्वर हजारी तो एक कदम और आगे निकल आए, उन्होंने कहा कि मिनिस्ट्री में लॉबीइंग के लिए मैं पांच सांसद और ला सकता हूं और सबके पांच-पांच लाख रुपए लगेंगे।