पाकिस्तान में माता के मंदिर पर हमले से दहशत में है हिंदू
https://khabarrn1.blogspot.com/2016/02/attack-on-temple-in-pakistan-hindu-community-in-panic.html
नई दिल्ली। सीमा पार से एक बार फिर किसी मंदिर को निशाना बनाए की घटना सामने आई है। खबर है कि पाकिस्तान के कराची में जूलॉजिकल गार्डन के पास स्थित करीब 60 साल पुराने माता के एक मंदिर में हाथ में पिस्तौल लेकर, सलवार कमीज पहने हुए एवं दाढ़ी वाले तीन लोगों ने हमला किया और देवी-देवताओं की मूर्ति को अपवित्र कर दिया।
ख़बरों के मुताबिक घटना 21 जनवरी की है और इससे वहाँ अफरातफरी मच गई। मंदिर पर हमले की घटना के बाद से यहां अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय में डर और दहशत का माहौल है। वहीं दूसरी ओर, प्रशासन ने इस मामले में अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है।
मंदिर की देखरेख करने वाले महाराज हीरा लाल ने कहा कि हमले के बाद पूजा के लिए यहां आने वाले लोग काफी डरे हुए हैं। घटना के वक्त महाराज और उनका परिवार परिसर में ही मौजूद था। महाराज ने कहा कि हमें नहीं पता कि हमलावर कौन लोग थे। हमने पहले कभी उन्हें नहीं देखा था। इस घटना से हम बहुत दुखी हैं, लोग भयभीत हैं।
महाराज ने बताया कि मंदिर में शीतला माता, संतोषी माता और भवानी माता की मूर्तियां हैं और करीब 60 साल पहले भारत से पाकिस्तान आने के बाद उनके दादा ने इस मंदिर का निर्माण कराया था। इस मंदिर के बार में यह बात प्रसिद्ध है कि यहां पूजा करने से बांझ महिलाओं को संतान की प्राप्ति हो जाती है। महाराज ने बताया कि आठ साल पहले इस मंदिर में एक और चमत्कार हुआ था,जब सिंदूर में काली माता के पैरों के चिह्न् उभर आए थे।
ख़बरों के मुताबिक घटना 21 जनवरी की है और इससे वहाँ अफरातफरी मच गई। मंदिर पर हमले की घटना के बाद से यहां अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय में डर और दहशत का माहौल है। वहीं दूसरी ओर, प्रशासन ने इस मामले में अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है।
मंदिर की देखरेख करने वाले महाराज हीरा लाल ने कहा कि हमले के बाद पूजा के लिए यहां आने वाले लोग काफी डरे हुए हैं। घटना के वक्त महाराज और उनका परिवार परिसर में ही मौजूद था। महाराज ने कहा कि हमें नहीं पता कि हमलावर कौन लोग थे। हमने पहले कभी उन्हें नहीं देखा था। इस घटना से हम बहुत दुखी हैं, लोग भयभीत हैं।
महाराज ने बताया कि मंदिर में शीतला माता, संतोषी माता और भवानी माता की मूर्तियां हैं और करीब 60 साल पहले भारत से पाकिस्तान आने के बाद उनके दादा ने इस मंदिर का निर्माण कराया था। इस मंदिर के बार में यह बात प्रसिद्ध है कि यहां पूजा करने से बांझ महिलाओं को संतान की प्राप्ति हो जाती है। महाराज ने बताया कि आठ साल पहले इस मंदिर में एक और चमत्कार हुआ था,जब सिंदूर में काली माता के पैरों के चिह्न् उभर आए थे।