20 फीट की रोड सिकुड़कर रह गई 7-8 फीट
आलम ये है कि नक्शे के मुताबिक यहां 20 फीट चौड़ी रोड होने के बावजूद तीन मंजिला भवन में स्कूल चल रही है, जबकि सामने ही स्कूल की जमीन को ग्राउंड के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। स्कूल में पढ़ने वाले विद्यार्थियों एवं स्कूल के शिक्षकों के द्वारा अपने वाहन रास्ते में ही स्कूल की दीवार के पास खड़े करने के कारण कॉलोनी में रहने वाले लोगों को यहां से आवागमन में खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
कॉलोनीवासियों को सबसे ज्यादा परेशानी उस वक्त उठानी पड़ती है जब वे अपनी कार अथवा अन्य किसी चौपहिया वाहन के साथ यहां से गुजरते हैं। ऐसे में यहां से निकलने वाले लोगों खासकर चौपहिया वाहन चालकों के लिए यहां से निकल पाना काफी चुनौतीपूर्ण हो जाता है। क्योंकि 20 फीट का रास्ता होने के बावजूद रास्ते के दोनों ओर वाहन खड़े कर दिए जाने के बाद यहां बमुश्किल 7-8 फीट का रास्ता ही शेष नजर आता है।
उल्लेखनीय है कि पूर्व में भी एक बार यह स्कूल उस समय विवाद का कारण बन गई जब इस कॉलोनी में रहने वाले एक व्यक्ति की तबीयत अचानक बिगड़ गई और उसे अस्पताल तक ले जाने के लिए स्कूल के सामने से रास्ता नहीं मिल सका, जिसे लेकर यहां काफी विवाद हो गया था। इसी को लेकर नगर निगम के अतिक्रमणरोधी दस्ते और पुलिस प्रशासन को भी मौके पर बुलाने तक नौबत आ गई थी। बाद में क्षेत्रीय पार्षद ज्ञानचंद सारस्वत की दखलअंदाजी के बाद मामला शांत हुआ था।