बूंदी,। अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में शनिवार को यहां जिले के तालेडा उपखण्ड मुख्यालय पर महिला दिवस समारोह आयोजित किया गया। मह...

बूंदी,। अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में शनिवार को यहां जिले के तालेडा उपखण्ड मुख्यालय पर महिला दिवस समारोह आयोजित किया गया। महिला अधिकारिता विभाग तथा जिला महिला सशतिकरण प्राधिकरण के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम की मुख्य अतिथि जिला कलटर आनंदी थी। इस अवसर पर जिला कलटर ने अपने उद्बोधन में कहा कि जब तक परिवार और समाज में महिलाओं को पुरूषों के बराबर सम्मान नहीं मिलेगा तब तक सही मायने में उनका सशतिकरण हो ही नहीं सकता। उन्होंने कहा कि महिला सशतिकरण के लिए स्वयं महिलाओं को ही जागरूक बनना होगा। उन्हें अपने अधिकारों की जानकारी होनी चाहिए। शिक्षा, स्वास्थ्य एवं आर्थिक दृष्टि से सशत होना उनके लिए जरूरी है। अपना कार्य करने में महिलाएं स्वयं सक्षम बने। यदि महिलाओं का सही तरीके से मार्गदर्शन किया जाए तो वह किसी की मोहताज नहीं रहेगी। जिला कलटर ने कहा कि केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा भारत सरकार तथा राजस्थान सरकार की योजनाओं एवं कार्यक्रमों का लाभ महिला वर्ग तक पहुंचाने के लिए मिशन पूर्ण शति योजना आरंभ की गई है। इस योजना में राजस्थान के पाली जिले के बाद दूसरे जिले के रूप में बूंदी जिले का चयन किया गया है। मिशन पूर्ण शति योजना देश के 25 ज़िलों में संचालित है, जिनमें बूंदी जिला भी शामिल है। योजना में बूंदी जिले के तालेड़ा लाॅक की दस ग्राम पंचायतों को शामिल किया गया है। इन पंचायतों में महिला ग्राम समन्वयक सरपंच के निर्देशन में कार्य करेंगी। महिला ग्राम समन्वयक विभिन्न विभागों में महिलाओं एवं किशोरियों से संबंधित योजनाओं की जानकारी देकर उन्हें जागरूक बनायेंगी तथा योजनाओं से लाभान्वित कराने में सहयोगी सखी की भूमिका अदा करेंगी। उन्होंने ग्राम महिला समन्वयक से कहा कि वे सरकारी मशीनरी की तरह नहीं बल्कि मिशनरी की तरह कार्य दायित्वों का निर्वहन कर प्रोजेट को सफल बनावे। समारोह में महिला एवं बाल विकास विभाग की उपनिदेशक शोभा पाठक ने विचार व्यत करते हुए कहा कि बेटी एक परिवार की नहीं, बल्कि दो परिवारों की जिदंगी को सुधारती और संवारती है। महिलाओं के लिए हर दिन उत्सव दिवस ही रहता है। कार्यक्रम में उपखण्ड अधिकारी अर्चना सिरोही ने कहा कि समाज में सम्मानजनक जिदंगी जीने के लिए महिलाओं का आर्थिक दृष्टि से सशत रहना जरूरी है। तहसीलदार श्रीमती एच.डी.सिंह ने कहा कि यदि आप दूसरे से सम्मान चाहती है तो पहले स्वयं अपना सम्मान करना सीखे। महिलाऐं ईश्वर की अनूठी कृति है। राजस्थान ग्रामीण आजीविका मिशन के जिला परियोजना प्रबंधक एस.एल.जांगीड़ ने कहा कि बूंदी जिले में आरंभ हुआ मिशन पूर्ण शति प्रोजेट भविष्य में अन्य जिलों के लिए भी अनुकरणीय प्रोजेट बनना चाहिए। विकास अधिकारी जगजीवन ने कहा कि योजनाओं की जानकारी ग्रामीण स्तर तक पहुंचाने की आवश्यकता है।कार्यक्रम में मिशन के जिला समन्वयक ललित राव ने मिशन के उद्देश्यों की जानकारी दी। अध्यापिका कुसुमलता शर्मा, नीमा देवी ने महिला सशतिकरण विषयक कविता पाठ प्रस्तुत किया। इस मौके पर ग्राम महिला समन्वयकों को किट प्रदान किए गए। कार्यक्रम अधिकारी भागीरथ चौधरी ने आभार व्यत किया ।