RN1 पड़ताल : खुले आम चला रहा 'मौत का अस्पताल'
खस्ता हाल परिस्थतियों में भर्ती मरीज व उनके परिजन बालोतरा/गुड़ामालाणी (RN1 टीम)। बाड़मेर जिले के गुड़ामालाणी कस्बे में स्थित सरकारी सा...
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खस्ता हाल परिस्थतियों में भर्ती मरीज व उनके परिजन |
जी हां, ये सब आपको अजीब लग रहा होगा। लेकिन ये सच है और ये कंपाउंडर बकायदा ऑन ड्यूटी इस अवैध क्लीनिक को चलाता है एवं यहां पर आने वाले मरीजों का इलाज भी करता है लेकिन इसे रोकने वाला कोई नहीं हैं तथा सामुदायिक केंद्र के प्रभारी भी कहते है कि हमें तो पता हीं नहीं है। इस बारे में जानकारी मिलने पर जब हमारी टीम ने वहा जाकर देखा तो एक खाली मकान के अंदर एक खुले हॉल में करीब 10 लोहे के बैड एवं लकड़ी व मूंज की खाट पर मरीज लेटे हुए थे एवं उनको ड्रीप भी चढ़ाई जा रहीं थी और नीचे फर्श नहीं था बल्कि रेत थी, जैसे कोई पशुओं का बाड़ा नजर आ रहा था। आस-पास ड्रीप चढ़ाने में काम में आने वाली खाली बोतले, सुईंया व अन्य वेस्टेज सामान इधर-उधर बिखरा पड़ा था।
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क्लीनिक में अजीब स्थिति में ऑक्सीजन सिलेंडर |
टीम ने जब उस अवैध अस्पताल के अंदर बने दो कमरों को खंगाला को तो उसमें दवाईयां एवं ऑक्सीजन का सिलेंडर भी मौजूद था। इतनें में एक व्यक्ति उसी कमरे में एक मासूम बच्चे को इंजेक्शन लगा रहा और तभी उसने टीम को देखा तो बोला भाई साहब आपको फोटो खींचने का शौक ज्यादा है क्या। टीम ने उस मेल नर्स का नाम पूछा तो उसने नहीं बताया लेकिन पूछताछ में लोगों ने हमें उसकी हकीकत बता दी, उसका नाम था इशराराम चौधरी मेल नर्स (द्वितीय) सामुदायिक केंद्र गुड़ामालाणी।
हमारे संवाददाता ने अपने आपको तथाकथित डॉक्टर बताने वाले मेल नर्स इशराराम चौधरी से कुछ जानकारी लेनी चाही तो वह तपाक से बोला आप मेरा कुछ नहीं कर सकते हो, प्रभारी से लेकर सीएमएचओं तक सब मेरी जेब में है कोई कुछ नहीं कर सकता हैं। संवाददाता ने उससे और कोई सवाल जवाब नहीं किए और वहां से चल दिए।
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मरीजों के बैड के पास पड़ी ड्रीप की खाली बोतलें |
इस अवैध अस्पताल का हाल देखकर तो ऐसा हीं लग रहा था कि इसमेें इंसान का ईलाज कैसे हो सकता है और जगह-जगह गंदगी बिखरी हुई थीं एवं हमें कुछ लोगों ने हमें दबी जुबान में बताया कि इस अस्पताल में कथित तौर पर गैरकानूनी गलत काम भी किए जाते है। ये मेल नर्स इशराराम चौधरी यहा आने वाले मरीजों की जिंदगी के साथ खुलेआम खिलवाड़ कर रहा है, इसकों रोकने वाला कोई नहीं है और तो और यहा आने वाले मरीजों को अंदर से ही बिना बिले दवाईयां भी महंगी दर पर लेने को मजबूर किया जाता है। मेल नर्स की गैर मौजूदगी में अवैध क्लीनिक पर आयाराम-गयाराम कोई भी मरीजों को इंजेक्शन व ग्लूकोज भी लगाते हैं।
इससे तो साफ है कि इस कथित अस्पताल के संचालन में सबकी मिलीभगत है। मासूमों की जिंदगी के साथ खुलेआम खिलवाड़ कर रहे इस मेल नर्स के खिलाफ कोई कार्यवाहीं क्यो नहीं की गई क्या ये सब जिम्मेदार अधिकारी जानबूझकर अनदेखा कर रहे है या फिर उन्हे किसी तरह का कोई फायदा हो रहा है। बहरहाल, ऐसे में अंदेशा है कि अगर समय रहते चिकित्सा विभाग के उच्चाधिकारियों द्वारा उचित कार्यवाहीं नहीं की गई तो उक्त मेल नर्स कई मासूम लोगों की जिंदगियों को बबार्द कर सकता है।