जीएसटी से जुड़े प्रश्नों के लिए राष्ट्रीय टोल फ्री हैल्पलाइन लॉन्च
गौरतलब है कि जीएसटी के तहत पंजीकरण का कार्यक्रम सरकार पहले ही घोषित कर चुकी है और इस दौरान गुजरात (78.36 प्रतिशत), मध्यप्रदेश (76.87 प्रतिशत), राजस्थान (67.13 प्रतिशत), छत्तीसगढ़ (74.99 प्रतिशत), चंडीगढ़ (53.13 प्रतिशत), झारखंड (56.29 प्रतिशत) और पश्चिम बंगाल (60.58 प्रतिशत) में जीएसटी के तहत रजिस्ट्रेशन को लेकर बहुत अच्छी प्रतिक्रियाएं मिलीं।
दूसरी तरफ असम, अरुणाचल प्रदेश, उत्तरप्रदेश, दिल्ली, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र और बिहार जैसे राज्यों में जीएसटी पंजीयन के बारे में कहीं बहुत कम और कहीं औसत प्रतिक्रियाएं मिलीं। केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, तेलंगाना और आंध्रप्रदेश जैसे राज्यों में पंजीयन की प्रक्रिया 1 जनवरी 2017 से शुरू हुई है और यह 15 जनवरी तक पूरी हो जाएगी। जैसे ही पंजीयन का पहला चरण पूरा हो जाएगा, सरकार मार्च, 2017 तक रजिस्ट्रेशन के अगले चरण का एलान कर देगी।
इस अवसर पर लघु और मध्यम उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव राजीव स्वरूप ने कहा कि चूंकि अब जीएसटी जल्द ही लागू होने जा रहा है, ऐसे में छोटे उद्यमियों को अलग-अलग विभागों में कर रिटर्न दाखिल करने की बजाय एक ही कर (जीएसटी) को अपनाना होगा और उन्हें इस काम में ऐसे लोगों की जरूरत है, जो उनकी सहायता कर सकें।
स्वरूप ने कहा कि रिटर्न की वर्तमान प्रक्रिया के विपरीत व्यवसाइयों को हर महीने जीएसटी भरना होगा और एक बार प्रक्रिया तय होने के बाद यह उनके लिए बहुत आसान होगा। इसी क्रम में जयपुर की टैक कंपनी ने राष्ट्रीय टोल फ्री हैल्पलाइन सेवा शुरू करते हुए एक नई पहल की है और अब कारोबारी लोगों को जीएसटी से जुड़े अपने तमाम सवालों के जवाब पाने के लिए इस टोल फ्री सेवा का इस्तेमाल करना चाहिए।
केडीके सॉटवेयर्स के सीईओ मोहित भबानी ने इस अवसर पर कहा कि केडीके सॉटवेयर की टोल फ्री हैल्पलाइन जीएसटी से जुड़े सवालों को हल करने के लिए व्यापार बिरादरी के भीतर एक ईको सिस्टम का निर्माण करेगी। हमने परीक्षण के आधार पर 5 दिनों के लिए इस टोल फ्री सेवा को चलाया था और इस दौरान हमें 1800 से ज्यादा प्रश्न प्राप्त हुए।
उन्होंने कहा कि ज्यादातर सवाल चार्टर्ड अकाउंटेट्स की तरफ से उठाए गए। 34 प्रतिशत से ज्यादा सवाल जीएसटी में पंजीयन कराने को लेकर थे। केडीके सॉटवेयर्स के पास एक दिन में 1500 से अधिक प्रश्नों से निपटने की क्षमता है और हम यह सेवा हिंदी, अंग्रेजी, गुजराती, मराठी, कन्नड़ और मलयालम जैसी 6 भाषाओं में उपलब्ध करा रहे हैं। आने वाले कुछ महीनों में यह सेवा कुछ और क्षेत्रीय भाषाओं में भी उपलब्ध कराने की हमारी योजना है।