'बुरहान वानी को 'शहीद' कहने के लिए पाकिस्तान पर था दबाव'
एक अंग्रेजी अखबार में छपी खबर के मुताबिक खोखर ने शनिवार को कहा कि कश्मीर घाटी में मारे गए आतंकी की याद में 19 जुलाई को काला दिवस मनाने से जुड़े पाकिस्तान के फैसले के पीछे भी दबाव की राजनीति ही काम कर रही थी।
उन्होंने कहा कि शुरुआत में इस घटना पर हमारी प्रतिक्रिया सधी हुई थी। वहीं बाद में पाकिस्तान की मीडिया और लोगों के दबाव को देखते हुए सरकार को अपना रुख बदलना पड़ा। मामले से लोगों का इमोशनल जुड़ाव होने लगा था।
उन्होंने कहा कि हमें हालात को हाथ से बाहर कतई नहीं जाने देना होगा। वैसे यह सारा कुछ भारत के स्टैंड पर निर्भर है कि वह मामले से कैसे निपटता है। खोखर ने कहा कि पाकिस्तान की तरफ का हर कश्मीरी बुरहान वानी को शहीद मानता है।
गौरतलब है कि बुरहान वानी कश्मीर के पढ़े-लिखे नौजवानों को कश्मीर की आजादी के नाम पर आतंकी गतिविधियों से जोड़ने और समर्थन जुटाने का काम करता था। बुरहान के मारे जाने के बाद कश्मीर में विरोध प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा में कई लोगों की जान जा चुकी है। वहीं दो सौ से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।