वीडियो: डॉक्टरों ने खोल रखा था दिमाग और वह बजा रही थी वायलन
तेल अवीव। ब्रेन सर्जरी का नाम सुनकर किसी के भी रौंगटे खड़े हो जाएं लेकिन क्या यह मुमकिन है कि सर्जरी के समय मरीज होश में हो और यहां तक की...
https://khabarrn1.blogspot.com/2014/09/naomi-elishuv-playing-violin-during-her-brain-surgery.html
तेल अवीव। ब्रेन सर्जरी का नाम सुनकर किसी के भी रौंगटे खड़े हो जाएं लेकिन क्या यह मुमकिन है कि सर्जरी के समय मरीज होश में हो और यहां तक की वायलन बजाए। सुनने में तो यह बात बहुत अजीब सी लगती है लेकिन ऐसा कर दिखाया है नाओमी एलीशुव ने।
नाओमी एलीशुव लिथुयानिया के नैशनल सिंफनी आरक्रैसटरा के लिए वायलन बजाया करती थी लेकिन अपनी ब्रेन सर्जरी दौरान उसने ऐसा किसी शौक की वजह से नहीं किया था बल्कि डाक्टरों ने उसे ऐसा करने के लिए कहा था।
तेल अवीव के मैडीकल सैंटर के अनुसार, लगभग 20 साल पहले नाओमी को अजीब तरह की बीमारी हो गई थी। इस न्योरोलाजिक्स कंडीशन के कारण उसकी मांसपेशियां प्रभावित हो सकती थी और उसका पूरी करियर ही खत्म हो सकता था। सर्जरी करने वाले डाक्टरों ने एक हफ्ते पहला उसका इलाज शुरू किया और दिमाग के प्रभावित हिस्से में पेसमेकर लगा दिया ताकि कंपन को कंट्रोल किया जा सके।
अस्पताल के न्योरोलाजी विभाग के डायरेक्टर ने कहा कि नाओमी को कहा गया था कि सर्जरी के दौरान वह वायलन बजाए जिससे डाक्टर उसके दिमाग के अंदर की सही स्थिति का पता लगाकर पेसमेकर लगा सके।
यह इस तरह का पहला मामला है, जब एक तरफ डाक्टरों ने आप्रेशन के लिए दिमाग को खोल के रखा था और दूसरी तरफ मरीज वायलन बजा रहा था। आप्रेशन से पहले और बाद में जब नाओमी ने वायलन बजाता तो उसकी आवाज में आए फर्क को साफ देखा जा सकता है।
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नाओमी एलीशुव लिथुयानिया के नैशनल सिंफनी आरक्रैसटरा के लिए वायलन बजाया करती थी लेकिन अपनी ब्रेन सर्जरी दौरान उसने ऐसा किसी शौक की वजह से नहीं किया था बल्कि डाक्टरों ने उसे ऐसा करने के लिए कहा था।
तेल अवीव के मैडीकल सैंटर के अनुसार, लगभग 20 साल पहले नाओमी को अजीब तरह की बीमारी हो गई थी। इस न्योरोलाजिक्स कंडीशन के कारण उसकी मांसपेशियां प्रभावित हो सकती थी और उसका पूरी करियर ही खत्म हो सकता था। सर्जरी करने वाले डाक्टरों ने एक हफ्ते पहला उसका इलाज शुरू किया और दिमाग के प्रभावित हिस्से में पेसमेकर लगा दिया ताकि कंपन को कंट्रोल किया जा सके।
अस्पताल के न्योरोलाजी विभाग के डायरेक्टर ने कहा कि नाओमी को कहा गया था कि सर्जरी के दौरान वह वायलन बजाए जिससे डाक्टर उसके दिमाग के अंदर की सही स्थिति का पता लगाकर पेसमेकर लगा सके।
यह इस तरह का पहला मामला है, जब एक तरफ डाक्टरों ने आप्रेशन के लिए दिमाग को खोल के रखा था और दूसरी तरफ मरीज वायलन बजा रहा था। आप्रेशन से पहले और बाद में जब नाओमी ने वायलन बजाता तो उसकी आवाज में आए फर्क को साफ देखा जा सकता है।
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