पुण्यतिथि के दिन हुई लाल बहादुर प्रतिमा की अवहेलना
चुरू (राकेश पंवार)। भारतीय स्वाधीनता संग्राम से लेकर भारत के विकास तक की यात्रा में अहम् योगदान देने वाले पूर्व प्रधानमन्त्री लाल बहादुर...
https://khabarrn1.blogspot.com/2014/01/disregarded-to-statue-of-lal-bahadur-shastri-on-his-death-anniversary.html
चुरू (राकेश पंवार)। भारतीय स्वाधीनता संग्राम से लेकर भारत के विकास तक की यात्रा में अहम् योगदान देने वाले पूर्व प्रधानमन्त्री लाल बहादुर शास्त्री की पुण्यतिथी है पर जिला मुख्यालय पर प्रशासन, जनप्रतिनिधी और नेताओं ने देश के लाल लाल बहादुर शास्त्री को अनदेखा ही किया गया।
इसका प्रमाण है, चूरू के मुख्य बाजार में स्थापित लाल बहादुर शास्त्री की प्रतिमा, जिसके चारों तरफ गन्दगी आलम है और उनकी पुण्यतिथि के दिन भी प्रतिमा पर भी गर्द जमी हुई नजर आई।
जिला मुख्यालय का सबसे व्यस्तम इलाका सब्जी बाजार, जहां गन्दगी के बीच अपनी पुण्यतिथी पर स्वतंत्र भारत के नागरिकों को ताकती लाल बहादुर शास्त्री की प्रतिमा मूकदर्शक बनी खडी थीं। दोपहर बाद तक किसी के द्वारा एक पुष्प अर्पित करना तो दूर, उनके स्टेच्यु के चारों तरफ फैली गन्दगी की तरफ ना तो नगर परिषद प्रशासन, ना प्रशासनिक अधिकारी, ना जनप्रतिनिधि और ना ही जनता में से किसी का भी ध्यान गया। इस स्थान को देखकर ऐसा लग रहा था मानो वर्षों से यहां की सुध नही ली गई है।
इस सम्बध में जब नगर परिषद सभापति को बताया गया तो, उन्हे पहले यही पता नही था कि आज शास्त्रीजी की पुण्यतिथि है। फिर उन्होने कहा कि मुझे आपके द्वारा इसकी जानकारी मिली है, बहुत दु:ख की बात है। अगर शास्त्रीजी की प्रतिमा के आस-पास गन्दगी है तो, सफाई की जानी चाहिए थी लेकिन अगर ऐसा है तो सम्बन्धित के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।
बहरहाल, ऐसे में अब देखना यह है कि इस जानकारी के बाद भी प्रशासन कितना सतर्क होता है और देश के पूर्व प्रधानमंत्री की प्रतिमा और उसके आस-पास के स्थानों पर कितनी सफाई करवा पाता है।
इसका प्रमाण है, चूरू के मुख्य बाजार में स्थापित लाल बहादुर शास्त्री की प्रतिमा, जिसके चारों तरफ गन्दगी आलम है और उनकी पुण्यतिथि के दिन भी प्रतिमा पर भी गर्द जमी हुई नजर आई।
जिला मुख्यालय का सबसे व्यस्तम इलाका सब्जी बाजार, जहां गन्दगी के बीच अपनी पुण्यतिथी पर स्वतंत्र भारत के नागरिकों को ताकती लाल बहादुर शास्त्री की प्रतिमा मूकदर्शक बनी खडी थीं। दोपहर बाद तक किसी के द्वारा एक पुष्प अर्पित करना तो दूर, उनके स्टेच्यु के चारों तरफ फैली गन्दगी की तरफ ना तो नगर परिषद प्रशासन, ना प्रशासनिक अधिकारी, ना जनप्रतिनिधि और ना ही जनता में से किसी का भी ध्यान गया। इस स्थान को देखकर ऐसा लग रहा था मानो वर्षों से यहां की सुध नही ली गई है।
इस सम्बध में जब नगर परिषद सभापति को बताया गया तो, उन्हे पहले यही पता नही था कि आज शास्त्रीजी की पुण्यतिथि है। फिर उन्होने कहा कि मुझे आपके द्वारा इसकी जानकारी मिली है, बहुत दु:ख की बात है। अगर शास्त्रीजी की प्रतिमा के आस-पास गन्दगी है तो, सफाई की जानी चाहिए थी लेकिन अगर ऐसा है तो सम्बन्धित के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।
बहरहाल, ऐसे में अब देखना यह है कि इस जानकारी के बाद भी प्रशासन कितना सतर्क होता है और देश के पूर्व प्रधानमंत्री की प्रतिमा और उसके आस-पास के स्थानों पर कितनी सफाई करवा पाता है।
