ताजमहल के रंग में आ रहे बदलाव को सरकार ने बताया अस्थाई

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नई दिल्ली। दुनिया के सात आश्चर्यों में शामिल और मोहब्बत की निशानी के तौर पर देखे जाने वाली आगरा स्थित विश्वविख्यात इमारत ताजमहल के बदलते रंगा को लेकर सरकार का मानना है ​कि इस ऐतिहासिक इमारत का रंग गहरा हरा होता जा रहा है, लेकिन असल में यह बदलाव अस्थाई है। सरकार का कहना है कि इसकी प्रभावित सतहों की सफाई, उपचार और धुलाई होने के बाद संगमरमर अपने मूल रूप में आ जाएगा, जिससे ये फिर से सफेद दिखाई देने लगेगा।

संस्कृति एवं पर्यटन राज्य मंत्री महेश शर्मा ने आज राज्यसभा को बताया कि ताजमहल के कुछ हिस्सों का रंग ज्योल्डीकीरोनोमस नामक कीड़े के मल त्याग और धूल के कारण गहरा हरा हो रहा है। लेकिन यह बदलाव अस्थायी है। संगमरमर पत्थर की विशेषता है कि इसकी प्रभावित सतहों की सफाई, उपचार और धुलाई होते ही यह अपने मूल रूप में आ जाता है।

उन्होंने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण इस संबंध में किसी भी तरह की गतिविधि पर निगरानी रखे हुए है। शर्मा ने कहा कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण समुचित संरक्षण और सफाई संबंधी पद्धतियों के प्रयोग से नियमित रूप से ताजमहल का संरक्षण और परिरक्षण करता है। आसपास की वायु की गुणवत्ता की भी निगरानी की जाती है।

उन्होंने बताया कि हानिकारक तत्वों के प्रभाव को कम करने के लिए ताजमहल के खुले स्थानों पर और महताब बाग में यमुना नदी के किनारे पर्याप्त पौधे लगा कर संरक्षित क्षेत्र को साफ सुथरा रखा जाता है।

गौरतलब है कि सफेद संगमरमर के पत्थरों से बनी मोहब्बत की यह निशानी अब धीरे—धीरे पीली पड़ती जा रही है, जिसे लेकर पूर्व में एक पर्यावरण कार्यकर्ता की ओर से याचिका दायर की जा चुकी है, जिस पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल यानि एनजीटी ने केंद्र को एक नोटिस जारी कर केंद्र से जवाब तलब भी किया है।


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