युद्धपोत INS विक्रमादित्य पर मरम्मत के दौरान गैस लीक, दो की मौत
हादसा तब हुआ जब वर्कर्स की एक टीम 20 मंजिला इमारत जितनी लंबाई वाले इस एयरक्राफ्ट कैरियर के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में एक पाइप को बदलने का काम कर रही थी। यह प्लांट कैरियर के सबसे निचले हिस्सों में स्थित है।
एक अधिकारी ने बताया, 'वर्कर्स सीवेज वॉटर लीकेज और हाइड्रोजन सल्फाइड के धुएं से जुड़ी समस्या को दुरुस्त करने की कोशिश कर रहे थे तभी हादसा हुआ।' जिन दो लोगों की मौत हुई है उनकी पहचान जहाज कारीगर राकेश कुमार और रॉयल मरीन के एंप्लॉयी मोहनदास कोलंबकार के रूप में हुई है। नौसेना ने इस मामले में जांच के आदेश दे दिए हैं।
उल्लेखनीय है कि रूस निर्मित विक्रमादित्य एक तैरते हुए शहर जैसा है, जिस पर 22 डेक हैं। 1600 से ज्यादा जवान इस पर तैनात रहते हैं। इसकी लागत पर 15 हजार करोड़ रुपए खर्च आए। इस पर 30 वॉरप्लेन, 6 सबमरीन, टोही हेलिकॉप्टर तैनात किए जा सकते हैं। आईएनएस विक्रमादित्य का यह पहला सबसे बड़ा मरम्मत कार्य है। इस वॉरशिप को नवंबर 2013 में रूस के साथ दो अरब 33 करोड़ डॉलर के समझौते से हासिल कर नौसेना में शामिल किया गया था।