कर्मचारी पेंशन योजना में संशोधन, 50 लाख पेंशनर्स को मिलेगा लाभ
श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री कोडिन्नील सुरेश ने आज लोकसभा में एक प्रशन के लिखित उत्तर में बताया कि कर्मचारी पेंशन योजना, 1995 की समीक्षा करने के लिए सरकार द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति ने अन्य बातों के साथ-साथ किसी विकल्प की सिफारिश की है।
उन्होंने बताया कि विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट सकरार द्वारा कर्मचारी भविष्य निधि के केन्द्रीय न्यासी बोर्ड को विचारा के लिए भेजी गई थी। केन्द्रीय बोर्ड, केन्द्रीय भविष्य निधि ने 15 सितंबर 2010 को आयोजित अपनी 190वीं बैठक में इस रिपोर्ट पर विचार किया ओर यह निर्णय लिया कि इस रिपोर्ट पर सर्वप्रथम कर्मचारी भविष्य निधि के केन्द्रीय न्यासी बोर्ड की उप-समिति, पेंशन क्रियान्वयन समिति द्वारा विचार किया जाएगा।
विशेषज्ञ समिति की सिफारिश पर पेंशन क्रियान्वयन समिति द्वारा विचार किया गया, जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ यह सिफारिश भी की गई थी कि अंतरिम उपाय के रूप में कर्मचारी पेंशन योजना, 1995 के अंतर्गत न्यूनतम मासिक पेंशन को 1000/- रुपये प्रति माह किया जाए। पेंशन क्रियान्वयन समिति की सिफारिश पर कर्मचारी भविष्य निधि के केन्द्रीय न्यासी बोर्ड द्वारा विचार किया गया। कर्मचारी पेंशन योजना, 1995 के अंतर्गत न्यूनतम मासिक पेंशन को 1000/- रुपये प्रति माह करने का एक प्रस्ताव सरकार के विचाराधीन है।
एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, कर्मचारी पेंशन योजना में संशोधन किए जाने से पहले ईपीएस-95 के तहत 31 मार्च 2015 के बाद से हर महीने न्यूनतम 1,000 रुपए पेंशन उपलब्ध कराने के लिये प्रशासनिक आदेश जारी किया गया था। लेकिन अब श्रम मंत्रालय ने 16 जून को एक अधिसूचना जारी कर योजना में औपचारिक रूप से संशोधन कर दिया है।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने ईपीएस-95 योजना के तहत एक सितंबर 2014 से इस तरह की पात्रता उपलब्ध करानी शुरू कर दी थी। अधिकारी के मुताबिक, जब इस संबंध में पहली अधिसूचना जारी की गई थी, वह 2014-15 के लिये थी। इसलिये उसका लाभ 31 मार्च 2015 तक ही उपलब्ध था। ईपीएफओ ने इसके बाद प्रशासनिक आदेश के जरिये इसे आगे बढ़ाया।
गौरतलब है कि पिछले साल 29 अप्रेल को केन्द्र मंत्रिमंडल ने ईपीएस योजना के अंशधारकों को वित्तीय वर्ष 2014-15 के बाद भी दीर्घकालिक लिहाज से न्यूनतम 1,000 रुपए मासिक पेंशन देने को मंजूरी दे दी थी। इसके साथ ही मंत्रिमंडल ने न्यूनतम पेंशन की इस योजना को लगातार जारी रखने के लिये सालाना बजट समर्थन भी जारी रखने की मंजूरी दे दी।