सियाचिन में चमत्कार : बर्फ की 25 फ़ीट मोटी परत के नीचे छह दिनों तक दबे रहने के बाद जिन्दा मिला सेना का जवान
https://khabarrn1.blogspot.com/2016/02/soldier-alive-after-being-buried-under-a-thick-layer-of-25-feet-snow-in-siachen.html
जम्मू। दुनिया के सबसे ऊंचे लड़ाई के मैदान सियाचिन हिमनद में आज एक ऐसी चमत्कारिक घटना सामने आई है, जिसमे उम्मीद से अलग हटकर नतीजा सामने आया है। दरअसल, सियाचिन हिमनद में हिमस्खलन के बाद 25 फुट मोटी बर्फ की परत के नीचे दबे एक सैनिक को सोमवार को जिंदा निकाला गया है।
यहां 3 फरवरी को बर्फ के तूफान में 10 जवान दब गए थे और इस हादसे में किसी के भी जिंदा बचने की उम्मीद नहीं की जा रही थी। इसी के चलते प्रधानमंत्री नरेंद्र, रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर से लेकर सेना प्रमुख तक इन जवानों को श्रद्धांजलि दे चुके थे, लेकिन कहते हैं की मारने वाले से बड़ा बचाने वाला होता है और जब ऊपर वाला ही किसी को बचाता है तो वह हर परिस्थितियों से गुजरकर भी जिन्दा बच जाता है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार यहां चलाए गए सर्च ऑपरेशन के दौरान कुछ ऐसा ही हुआ। जब हादसे के बाद गायब हुए जवानों में से सेना का एक जवान सोमवार की रात को चमत्कारिक रुप से छह दिनों बाद बर्फ की मोटी चादर के नीचे जिंदा पाया गया। हालाँकि उसकी हालत अभी गंभीर है। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने ट्वीट करके कहा कि मेरी प्रार्थना लांस नायक हनुमानथप्पा के साथ है जो चमत्कारिक ढंग से सियाचिन हादसे में जिंदा बच गए हैं।
गौरतलब है कि जहां पर ये बर्फानी तूफान आया आया था, वह जगह समुद्रतल से करीब 20 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित है और वहां का तापमान माइनस 45 डिग्री सेल्सियस के नीचे रहता है। सेना इस बचाव अभियान में दो खोजी कुत्ते की भी जान चली गई है। सेना को ये सफलता चौबीसों घंटे चलाए गए अभियान के बदौलत मिली है।
यहां 3 फरवरी को बर्फ के तूफान में 10 जवान दब गए थे और इस हादसे में किसी के भी जिंदा बचने की उम्मीद नहीं की जा रही थी। इसी के चलते प्रधानमंत्री नरेंद्र, रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर से लेकर सेना प्रमुख तक इन जवानों को श्रद्धांजलि दे चुके थे, लेकिन कहते हैं की मारने वाले से बड़ा बचाने वाला होता है और जब ऊपर वाला ही किसी को बचाता है तो वह हर परिस्थितियों से गुजरकर भी जिन्दा बच जाता है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार यहां चलाए गए सर्च ऑपरेशन के दौरान कुछ ऐसा ही हुआ। जब हादसे के बाद गायब हुए जवानों में से सेना का एक जवान सोमवार की रात को चमत्कारिक रुप से छह दिनों बाद बर्फ की मोटी चादर के नीचे जिंदा पाया गया। हालाँकि उसकी हालत अभी गंभीर है। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने ट्वीट करके कहा कि मेरी प्रार्थना लांस नायक हनुमानथप्पा के साथ है जो चमत्कारिक ढंग से सियाचिन हादसे में जिंदा बच गए हैं।
वहीं दूसरी ओर विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह ने हनुमानथप्पा के जल्द अच्छे होने की कामना की है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि, 'मुझे आशा है हनुमानथप्पा जल्द ही ठीक हो जाएंगे और देश की सेवा करेंगे। पूरा देश उनके स्वस्थ होने की कामना कर रहा है. जय हिंद!'My prayers are with Lance Naik Hanumanthappa who miraculously survived the avalanche at Siachen.— Manohar Parrikar (@manoharparrikar) February 9, 2016
जिंदा पाए गए जवान का नाम लांस नायक हनुमानथप्पा जो फिलहाल वेंटिलेटर पर है। इन्हें आज विशेष विमान से दिल्ली लाया जा रहा है। सेना का यह जवान लांस नायक हनुमानथप्पा कर्नाटक के धारवाड़ जिले का रहने वाला है। अब तक वहां से पांच शव बरामद किए जा चुके हैं। बाकी बचे हुए शवों को आज निकाल लिया जाएगा।Hope that Lance Naik Hanamanthappa Koppad recovers and comes through. All of India is praying for his speedy recovery. Jai hind!— Vijay Kumar Singh (@Gen_VKSingh) February 8, 2016
गौरतलब है कि जहां पर ये बर्फानी तूफान आया आया था, वह जगह समुद्रतल से करीब 20 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित है और वहां का तापमान माइनस 45 डिग्री सेल्सियस के नीचे रहता है। सेना इस बचाव अभियान में दो खोजी कुत्ते की भी जान चली गई है। सेना को ये सफलता चौबीसों घंटे चलाए गए अभियान के बदौलत मिली है।