अब डबल सेंचुरी मारने के लिए तैयार हैं दालें
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जयपुर। 'दाल-रोटी खाओ, प्रभु के गुण गाओ' ये कहावत तो आपने जरूर सुनी ही होगी। लेकिन महंगाई की मार के चलते दालों के भाव भी इतने बढ़ गए हैं कि आम आदमी की थाली से अब दालों के गायब होने का सिलसिला तेज हो चला है। इसके चलते अब आम आदमी प्रभु के गुणगान छोड़कर दाल-रोटी के जुगाड़ में ही जुटा हुआ नजर आने लगा है।
महंगाई की मार के चलते पहले से ही महंगी सब्जियों का बोझ उठा रहे लोगों पर अब दालों की महंगाई ने भी असर दिखाना शुरू कर दिया है, जिसके चलते अब गरीब की थाली से दाल दूर होती जा रही है। अमूमन सैकड़ें के आंकडें से ऊपर चल रही दालों के दाम में हो रहे इजाफे के चलते और त्योहारी सीजन को देखते हुए आशंका है कि जल्द ही दालें डबल सेंचुरी मार सकती है। यानी रिटेल मार्केट में दालों की कीमतें 200 रुपए किलो तक जा सकती है।
अरहर और उड़द 150 रुपए प्रति किलो का स्तर पहले ही तोड़ चुकी हैं। जल्द ही इनकी कीमत 200 रुपए प्रति किलो हो सकती है। मूंग दाल जो इस वक्त 130 से 140 रुपए प्रति किलो बिक रही है, 160 से 170 रुपए तक जा सकती है। मसूर में भी 30 से 40 प्रतिशत की तेजी आने की आशंका है।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में खाद्य मंत्रालय ने अपनी रिपोर्ट में सरकार को आगाह किया है कि अगर इंपोर्टेड दालों की सप्लाई जल्द रिटेल मार्केट में नहीं बढ़ाई गई तो दालें तेजी के नए रेकॉर्ड बना सकती हैं। असल में दालों की आवक रिटेल मार्केट में 30 प्रतिशत कम चल रही है, जबकि डिमांड में 10 से 15 प्रतिशत की तेजी आ गई है। वहीं दूसरी ओर, पर्याप्त बारिश नहीं होने की वजह से दालों की बुआई कम हुई है, जिससे दालों का उत्पादन घटने की आशंका है।
श्राद्धपक्ष समाप्त होने के बाद अब नवरात्रा शुरू होने के साथ ही त्योहारी सीजन के चलते दाल के भाव आसमान छूने की ओर हैं। पिछले 15 दिनों में उड़द धुली 30 रुपए किलो तक महंगी हुई है तो अरहर 40 रुपए महंगी हुई है। मूंग 15 रुपए तो चने की दाल 10 रुपए महंगी हुई है। बहरहाल, दालों की इस महंगाई से सीधे-सीधे आम लोग प्रभावित हैं।
वहीं गृहिणियों का कहना है दालों के बढ़ते दामों ने आम आदमी की रसोई का बजट बिगाड़कर रख दिया है। खासकर अरहर की दाल के दाम मध्यम वर्ग व निचले वर्ग के काबू से बाहर हो गए हैं। रसोई से यह दाल या तो गायब हो गई है या इसकी उपस्थित बेहद कम हो गई है। सरकार को दालों की बढ़ती कीमत पर लगाम लगाने के लिए कड़े कदम उठाने चाहिए।
जयपुर में दालों के भाव
दाल सितंबर में अक्टूबर में
महंगाई की मार के चलते पहले से ही महंगी सब्जियों का बोझ उठा रहे लोगों पर अब दालों की महंगाई ने भी असर दिखाना शुरू कर दिया है, जिसके चलते अब गरीब की थाली से दाल दूर होती जा रही है। अमूमन सैकड़ें के आंकडें से ऊपर चल रही दालों के दाम में हो रहे इजाफे के चलते और त्योहारी सीजन को देखते हुए आशंका है कि जल्द ही दालें डबल सेंचुरी मार सकती है। यानी रिटेल मार्केट में दालों की कीमतें 200 रुपए किलो तक जा सकती है।
अरहर और उड़द 150 रुपए प्रति किलो का स्तर पहले ही तोड़ चुकी हैं। जल्द ही इनकी कीमत 200 रुपए प्रति किलो हो सकती है। मूंग दाल जो इस वक्त 130 से 140 रुपए प्रति किलो बिक रही है, 160 से 170 रुपए तक जा सकती है। मसूर में भी 30 से 40 प्रतिशत की तेजी आने की आशंका है।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में खाद्य मंत्रालय ने अपनी रिपोर्ट में सरकार को आगाह किया है कि अगर इंपोर्टेड दालों की सप्लाई जल्द रिटेल मार्केट में नहीं बढ़ाई गई तो दालें तेजी के नए रेकॉर्ड बना सकती हैं। असल में दालों की आवक रिटेल मार्केट में 30 प्रतिशत कम चल रही है, जबकि डिमांड में 10 से 15 प्रतिशत की तेजी आ गई है। वहीं दूसरी ओर, पर्याप्त बारिश नहीं होने की वजह से दालों की बुआई कम हुई है, जिससे दालों का उत्पादन घटने की आशंका है।
श्राद्धपक्ष समाप्त होने के बाद अब नवरात्रा शुरू होने के साथ ही त्योहारी सीजन के चलते दाल के भाव आसमान छूने की ओर हैं। पिछले 15 दिनों में उड़द धुली 30 रुपए किलो तक महंगी हुई है तो अरहर 40 रुपए महंगी हुई है। मूंग 15 रुपए तो चने की दाल 10 रुपए महंगी हुई है। बहरहाल, दालों की इस महंगाई से सीधे-सीधे आम लोग प्रभावित हैं।
वहीं गृहिणियों का कहना है दालों के बढ़ते दामों ने आम आदमी की रसोई का बजट बिगाड़कर रख दिया है। खासकर अरहर की दाल के दाम मध्यम वर्ग व निचले वर्ग के काबू से बाहर हो गए हैं। रसोई से यह दाल या तो गायब हो गई है या इसकी उपस्थित बेहद कम हो गई है। सरकार को दालों की बढ़ती कीमत पर लगाम लगाने के लिए कड़े कदम उठाने चाहिए।
जयपुर में दालों के भाव
दाल सितंबर में अक्टूबर में
- -अरहर 125 रुपए 170 रुपए
- -उड़द धुली 125 रुपए 175 रुपए
- -मूंग 100 रुपए 115 रुपए
- -चने की दाल 65 रुपए 75 रुपए