नहीं थम रहा डेमू का सिलसिला, अस्पतालों में बढ़ी मरीजों की तादाद

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जयपुर। प्रदेशभर में बढ़ रहे डेंगू के प्रकोप को लेकर एक ओर जहां इसकी रोकथाम के लिए चिकित्सा विभाग की कयवादें की जा रही है। वहीं दूसरी ओर डेंगू के मरीजों की बढ़ती हुई तादाद के चलते अस्पतालों में पलंग कम पडऩे लगे हैं और डेंगू की रोकथाम के लिए किए जा रहे सरकारी प्रयास बेअसर साबित हो रहे हैं।

राजधानी जयपुर के अस्पतालों में डेंगू का दंश झेल रहे मरीजों के आने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है, जिसके चलते अकेले एसएमएस में ही बीते एक पखवाड़े में मरीजों की तादाद में तकरीबन दोगुना बढ़ोतरी हुई है। इसके कारण एसएमएस में अब बेड तक कम पडऩे लगे हैं। बीते पखवाड़े तक यहां डेंगू के मरीजों की तादाद करीब 100 थी, वहीं अब यह सं या 215 तक पहुंच चुकी है। इनमें से दो-तीन मरीज जान भी गंवा चुके हैं।

डेंगू से बचाव के लिए अपनाएं ये आसान उपाय

हालात यह है कि एसएमएस सहित अन्य प्रमुख सरकारी एवं निजी अस्पतालों के मेडिसन विभाग में करीब आधे मरीज डेंगू के हैं। डेंगू के मरीजों की बढ़ी हुई तादाद के चलते ही एसएमएस में अब डेंगू पीडि़त मरीजों को आसानी से पलंग तक भी नहीं मिल पा रहा है।  

जानकारी के अनुसार प्रदेश में भी डेंगू का सरकारी आंकड़ा अब दोगुना तक पहुंच चुका है। बीते पखवाड़े में जहां विभाग मरीजों की संख्या एक हजार से भी कम बता रहा था, वही संख्या अब दो हजार तक पहुंच चुकी है।

एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. यूएस अग्रवाल का कहना है कि डेंगू के सभी मरीजों को भर्ती करने की जरूरत नहीं है। रोग की गंभीरता के आधार पर ही डॉक्टर मरीज को भर्ती करते हैं। कई बार परिजन बिना जरूरत के भली मरीज को भर्ती करने का दबाव बनाते हैं, जिसके कारण अस्पताल पर अतिरिक्त भार पड़ता है।

वहीं मेडिसन विभाग के डॉक्टरों का कहना है कि सावधानी रखकर भी डेंगू एवं अन्य मौसमी बीमारियों से बचा जा सकता है।  उन्होंने बताया कि डेंगू सबसे तेजी से फैलने वाली बीमारियों में से एक है, लेकिन इसका उपचार भी आसानी से किया जा सकता है। वहीं बच्चों में डेंगू का प्रकोप बढ़ रहा है।

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