15 अगस्त 1947 : जयपुर में था अपार उत्साह
14 अगस्त, 1947 की रात बारह बजे तत्कालीन शिक्षामंत्री पं. देवीशंकर तिवाड़ी ने जयपुर में महाराजा कॉलेज भवन में राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराया और इसके साथ ही जयपुर रियासत का पचरंगा ध्वज भी फहराया गया। इस अवसर पर देवीशंकर तिवाड़ी के साथ दौलत भंडारी भी मौजूद थे। दूसरे दिन 15 अगस्त को जयपुर में विशाल कार्यक्रम हुए।
रियासत के प्रधानमंत्री सर वी टी कृष्णाचारी ने सभी मंत्रियों और सरकारी कर्मचारियों के साथ जयपुर के आराध्यदेव गोविंद देवजी के दर्शन किए। इसके बाद जयपुर में जुलूस निकाला गया। जिधर से जुलूस निकला, बाजारों में खड़े लोगों ने हर्ष के साथ जयकारे लगाए और फूल बरसाए, दिनभर कार्यक्रम हुए। शाम को रामनिवास बाग में सभा हुई। इसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री सर वी टी कृष्णाचारी ने की। उन्होंने महाराजा मानसिंह के जयपुर की जनता के नाम संदेश पढ़कर सुनाया।
उल्लेखनीय है कि महाराजा मानसिंह उन दिनों इंग्लैड गए हुए थे। उन्होंने तार से संदेश भेजा था। उन्होंने इस ऐतिहासिक दिन पर जयपुर में उपस्थित नहीं होने पर खेद प्रकट किया। उन्होंने अपने संदेश में कहा कि हमारे कंधों पर और भी अधिक जिम्मेदारी आ गई है। मुझे पूरा विश्वास है कि जयपुर की जनता इस जिम्मेदारी का भली-भांती निर्वहन करेगी। इसके बाद 16 अगस्त को रामनिवास बाग में आजादी की खुशी में स्काउट गाइड की विशाल रैली निकाली गई, जिसमे लोगों में अपार उत्साह और उमंग का माहौल था और लोग खुशियों से झूम रहे थे।