हिंदू तवायफ का मुस्लिम बेटा बचा रहा देवी-देवताओं की मूर्तियां
https://khabarrn1.blogspot.com/2015/07/muslim-son-of-hindu-prostitute-saving-statues-of-deities.html
लाहौर। ये सुनकर शायद आपको कोई आश्चर्य हो कि मुस्लिम कौम का होने के बावजूद एक व्यक्ति पाकिस्तान में तोड़े जा रहे मंदिरों में से देवी-देवताओं की प्रतिमाओं को बचाने के लिए उन्हें इकठ्ठा कर रहा है और पूरी श्रद्धा के साथ उनका संरक्षण कर रहा है। लेकिन ये सौ फीसदी सही है कि पाकिस्तान का एक शख्स अपने कला-प्रेम के चलते ऐसा कर रहा है।
पाकिस्तान के लाहौर में रहने वाले इकबाल हुसैन नाम के एक शख्स, जो पेशे से आर्टिस्ट है और साथ ही सबसे खास बात यह है कि वह एक हिन्दू तवायफ (वेश्या) के बेटे है। इस रूचि के चलते इकबाल को कई बार पाकिस्तानी कट्टरपंथियों की तरफ से चेतावनी भी मिल चुकी है तथा उन पर कई बार हमले भी किये जा चुके हैं।
खबरों के मुताबिक इकबाल हुसैन की मां जन्म से हिंदू थी और भारत-पाकिस्तान के बंटवारे के समय पाकिस्तान चली गईं थीं। पाकिस्तान में उन्हें जबरन तवायफ बना दिया गया, जिसके बाद उन्हें धर्म परिवर्तन करना पड़ा और अपना नाम नवाब बेगम रखा था। हुसैन की परवरिश भी लाहौर के सबसे बदनाम रेडलाइट एरिया हीरा मंडी में ही हुई है।
उल्लेखनीय है कि इकबाल हुसैन ने पेरिस में कला का अध्यन किया है और वो एक प्रोफेशनल पेंटर हैं। उनकी बनाई पेंटिंग्स दस से पन्द्रह लाख के बीच में बिकती हैं। अपनी पेंटिंग्स में वह अक्सर मानव जीवन के विभिन्न पहलुओं को छूते हैं।
हुसैन का कहना है कि हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां इकठ्ठा करने में भी उनका आर्ट के पार्टी लगाव ही मुख्य कारण है। उनका मानना है कि ये सभी मूर्तियां कला के अदभुत नमूने हैं, जिनका लोगों के सामने आना जरूरी है। हम सिर्फ धर्म का नाम पर इन्हें खत्म नहीं कर सकते।
In English : Iqbal Hussain the son of a hindu prostitute is saving statues of deities in Pakistan.
पाकिस्तान के लाहौर में रहने वाले इकबाल हुसैन नाम के एक शख्स, जो पेशे से आर्टिस्ट है और साथ ही सबसे खास बात यह है कि वह एक हिन्दू तवायफ (वेश्या) के बेटे है। इस रूचि के चलते इकबाल को कई बार पाकिस्तानी कट्टरपंथियों की तरफ से चेतावनी भी मिल चुकी है तथा उन पर कई बार हमले भी किये जा चुके हैं।
खबरों के मुताबिक इकबाल हुसैन की मां जन्म से हिंदू थी और भारत-पाकिस्तान के बंटवारे के समय पाकिस्तान चली गईं थीं। पाकिस्तान में उन्हें जबरन तवायफ बना दिया गया, जिसके बाद उन्हें धर्म परिवर्तन करना पड़ा और अपना नाम नवाब बेगम रखा था। हुसैन की परवरिश भी लाहौर के सबसे बदनाम रेडलाइट एरिया हीरा मंडी में ही हुई है।
उल्लेखनीय है कि इकबाल हुसैन ने पेरिस में कला का अध्यन किया है और वो एक प्रोफेशनल पेंटर हैं। उनकी बनाई पेंटिंग्स दस से पन्द्रह लाख के बीच में बिकती हैं। अपनी पेंटिंग्स में वह अक्सर मानव जीवन के विभिन्न पहलुओं को छूते हैं।
हुसैन का कहना है कि हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां इकठ्ठा करने में भी उनका आर्ट के पार्टी लगाव ही मुख्य कारण है। उनका मानना है कि ये सभी मूर्तियां कला के अदभुत नमूने हैं, जिनका लोगों के सामने आना जरूरी है। हम सिर्फ धर्म का नाम पर इन्हें खत्म नहीं कर सकते।
In English : Iqbal Hussain the son of a hindu prostitute is saving statues of deities in Pakistan.