'क' से कबूतर 'ख' से खरगोश का जमाना अब पुराना हो गया : देवनानी
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अजमेर। जिले के प्रभारी एवं शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में पाठ्यक्रम को अद्यतन किया जा रहा है। वर्तमान समय की प्रासंगिकता के अनुसार इसमें बदलाव किए जाएंगे। 'क' से कबूतर और 'ख' से खरगोश का जमाना अब पुराना हो गया। विद्यार्थियों को अब 'क' से कम्प्यूटर और 'ख' से खगोल पढ़ाए जाने की आवश्यकता है।
देवनानी शनिवार को राजकीय मंगल चन्द सखलेचा माध्यमिक विद्यालय, मीरशाह अली जयपुर रोड में आयोजित नवप्रवेशी विद्यार्थियों के अभिनन्दन एवं फर्नीचर वितरण कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के सरकारी स्कूलों में बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ ही पर्याप्त स्टाफ की तैनातगी एवं शिक्षा में गुणात्मक सुधार के लिए गम्भीरता से प्रयासरत है।
सरकार के प्रयास रंग ला रहे हैं और स्कूलों में विद्यार्थी संख्या बढ़ने लगी है। देवनानी ने अभिभावकों व शिक्षकों से कहा कि वे सरकारी स्कूलों का गौरव पुनः लौटाने के लिए संयुक्त रूप से ऐसे प्रयास करें कि उनके क्षेत्र में स्कूल में प्रवेश करने योग्य कोई बालक-बालिका प्रवेश से वंचित नहीं रहने पाएं। शिक्षक स्कूल समय के पश्चात एक घण्टा अपने क्षेत्र में घूमें और अभिभावकों से मिलें। प्रधानाचार्य भी सप्ताह में एक-दो बार अपने शिक्षकों की बैठक लेकर बच्चों के भविष्य के बारे में चिंतन करें और प्रत्येक विद्याार्थी के बारे में भी चर्चा करें।
उन्होंने कहा कि दो माह में जितने शिक्षकों की पदोन्नति व पदस्थापन हुए हैं, वह उल्लेखनीय है। स्कूलों का वातावरण स्वच्छ व सुन्दर बनाकर पढ़ाई के स्तर को सुधारा जा रहा है। प्रधानाध्यापकों को भी सप्ताह में कम से कम 12 कालांश पढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। सरकार प्रतिवर्ष शिक्षा के क्षेत्र पर करीब 200 अरब रूपए खर्च कर रही है। ऐसे में ये हम सब की जिम्मेदारी है कि प्रदेश में सरकारी विद्यालयों का शैक्षणिक स्तर उन्नत हो।
उन्होंने क्षेत्र के भामाशाहों से अनुरोध किया कि वे अपने आस-पास की स्कूलों में आवश्यकतानुसार फर्नीचर व अन्य सामग्री उपलब्ध कराएं, जिससे निजी स्कूलों के मुकाबले में सरकारी स्कूलों में सुविधाएं उपलब्ध हो। हिन्दुस्तान जिंक द्वारा अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्रा की विभिन्न स्कूलों में 80 लाख रूपए की लागत का फर्नीचर उपलब्ध कराया जा रहा है।
देवनानी शनिवार को राजकीय मंगल चन्द सखलेचा माध्यमिक विद्यालय, मीरशाह अली जयपुर रोड में आयोजित नवप्रवेशी विद्यार्थियों के अभिनन्दन एवं फर्नीचर वितरण कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के सरकारी स्कूलों में बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ ही पर्याप्त स्टाफ की तैनातगी एवं शिक्षा में गुणात्मक सुधार के लिए गम्भीरता से प्रयासरत है।
सरकार के प्रयास रंग ला रहे हैं और स्कूलों में विद्यार्थी संख्या बढ़ने लगी है। देवनानी ने अभिभावकों व शिक्षकों से कहा कि वे सरकारी स्कूलों का गौरव पुनः लौटाने के लिए संयुक्त रूप से ऐसे प्रयास करें कि उनके क्षेत्र में स्कूल में प्रवेश करने योग्य कोई बालक-बालिका प्रवेश से वंचित नहीं रहने पाएं। शिक्षक स्कूल समय के पश्चात एक घण्टा अपने क्षेत्र में घूमें और अभिभावकों से मिलें। प्रधानाचार्य भी सप्ताह में एक-दो बार अपने शिक्षकों की बैठक लेकर बच्चों के भविष्य के बारे में चिंतन करें और प्रत्येक विद्याार्थी के बारे में भी चर्चा करें।
उन्होंने कहा कि दो माह में जितने शिक्षकों की पदोन्नति व पदस्थापन हुए हैं, वह उल्लेखनीय है। स्कूलों का वातावरण स्वच्छ व सुन्दर बनाकर पढ़ाई के स्तर को सुधारा जा रहा है। प्रधानाध्यापकों को भी सप्ताह में कम से कम 12 कालांश पढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। सरकार प्रतिवर्ष शिक्षा के क्षेत्र पर करीब 200 अरब रूपए खर्च कर रही है। ऐसे में ये हम सब की जिम्मेदारी है कि प्रदेश में सरकारी विद्यालयों का शैक्षणिक स्तर उन्नत हो।
उन्होंने क्षेत्र के भामाशाहों से अनुरोध किया कि वे अपने आस-पास की स्कूलों में आवश्यकतानुसार फर्नीचर व अन्य सामग्री उपलब्ध कराएं, जिससे निजी स्कूलों के मुकाबले में सरकारी स्कूलों में सुविधाएं उपलब्ध हो। हिन्दुस्तान जिंक द्वारा अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्रा की विभिन्न स्कूलों में 80 लाख रूपए की लागत का फर्नीचर उपलब्ध कराया जा रहा है।