वोडाफोन ने माना भारत समेत कई देशों में टेप होते हैं फोन
लंदन। प्रमुख दूरसंचार कंपनी वोडाफोन ने स्वीकार किया है कि सरकारी एजेंसियों, उसके नेटवर्क पर होने वाली बातचीत (कॉल्स, टेक्स मैसेज और ईमेल...
वोडाफोन ने अपनी 20 पेज की एक रिर्पोट में सरकारी एजेंसियों के साथ अपने सहयोग का खुलासा किया है। इसके अनुसार उसके नेटवर्क में सीधी तारें जुड़ी हैं, जिनके जरिए बातचीत सुनी व रिकॉर्ड की जा सकती है। इसके अलावा एजेंसियां इन तारों के जरिए बातचीत कर रहे व्यक्ति की जगह भी प्रमाणित कर सकती हैं।
कंपनी ने स्वीकार किया है कि ग्लोबल कंपनी के रूप में वह कई देशों के कानूनों को लागू करते तथा सरकारी अपेक्षाओं को पूरा करते हुए लगातार तनाव का सामना करती है। कम्पनी का कहना है कि, 'किसी भी देश के कानूनों के पालन से इनकार करना कोई विकल्प नहीं होता है। वोडाफोन ने कहा है कि सरकारी निगरानी प्रणाली को लेकर जारी बहस में अपने योगदान के रूप में वह इस सूचना का प्रकाशन कर रही है।
वोडाफोन का कहना है कि सरकारों द्वारा अपने देश व नागरिकों की रक्षा के दायित्व तथा राइट-टू-प्राइवेसी की रक्षा के दायित्व के बीच संतुलन की जरूरत है और इस मामले को लेकर इस समय दुनियाभर में बहस हो रही है। वहीं प्राइवेसी के लिए अभियान चलाकर कार्य कर रहे कार्यकर्ताओं का मानना है कि वोडाफोन का यह खुलासा उनके सबसे बड़े डर की पुष्टि करता है।
वहीं दूसरी ओर प्राइवेसी इंटरनेशनल के कार्यकारी निदेशक गुस होसेन ने कहा कि हमें इसी बात का डर सता रहा था। हालांकि उन्होंने वोडाफोन के द्वारा स्वीकार किए गए इस खुलासे को बहादुरी वाला कदम बताया है।