कौशल विकास केन्द्र स्थापित करेगी क्ले क्राफ्ट इंडिया
जयपुर। बोन चायना व सेरामिक टेबलवेयर के निर्माता और खुदरा विक्रेता क्ले क्राफ्ट इंडिया की राजस्थान में रींगस में कौशल विकास केन्द्र स्थाप...
उद्योग सूत्रों के अनुसार संगठित व असंगठित वर्ग को मिलाकर भारतीय फाईन बोन चाइना व सिरेमिक उद्योग का आकार करीब सात सौ करोड़ रुपए है। यूरोपीय देशों द्वारा चीन पर एंटी डंपिंग ड्यूटी लगा दिए जाने के बाद भारतीय कंपनियों के उत्पाद की मांग पहले के सालों की तुलना में 30 से 35 फीसदी बढ़ने की संभावना है। इस बढ़ी हुई मांग को पूरा करने के लिए भारतीय कंपनियों का अपना उत्पादन दोगुना करना अपेक्षित है तथा इसके लिए कुशल श्रमिकों की भी जरूरत होगी।
क्ले क्राफ्ट इंडिया के प्रबंध निदेशक राजेश अग्रवाल ने बताया कि, 'भारतीय फाईन बोन चाइना व सिरेमिक उद्योग वर्तमान में कुशल श्रमिकों की 50 फीसदी कमी का सामना कर रहा है। उद्योग की वृद्धि के लिए कुशल श्रमिक आपूर्ति एक अहम बिन्दु होगा। हमारा लक्ष्य उद्योग के लिए कुशल श्रमिक तैयार करना है, व इससे उद्योग को अन्तरारराष्ट्रीय बाजार में स्पर्धा योग्य गुणवत्ता वाले उत्पाद विकसित करने में भी मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि, 'हम रींगस-जयपुर मार्ग पर जमीन खरीद चुके हैं तथा हमारी योजना साल 2014 के अंत तक कौशल विकास केन्द शुरू करने की है। शुरूआत में हम वर्तमान श्रमिकों को प्रशिक्षण देंगे। उनके कौशल को तकनीकी शिक्षा व क्लासरूम के साथ फैक्ट्री मे प्रशिक्षण से निखारा जाएगा। बाद में हम फाईन बोन चाइना व सिरेमिक उद्योग में भविष्य बनाने के इच्च्छुक नए प्रत्याशियों को भी प्रशिक्षित करेंगे।