आगे-आगे राम चलत है, पीछे लक्ष्मण भाई...

अहंकार व्यक्ति को सर्वनाश की ओर ले जाता है : शास्त्री श्री राम कथा के पांचवे दिन हुआ कथा का आयोजन बालोतरा। संसार में प्रत्येक वस्तु नश्...

अहंकार व्यक्ति को सर्वनाश की ओर ले जाता है : शास्त्री
श्री राम कथा के पांचवे दिन हुआ कथा का आयोजन
बालोतरा। संसार में प्रत्येक वस्तु नश्वर है, कुछ भी साथ नहीं जाएगा, इसके बावजूद प्रत्येक व्यक्ति संसार की मोह माया में भटका हुआ है। संसार में पिता-पुत्र का रिश्ता भी स्वार्थ से बधा हुआ है। अहंकार व्यक्ति को सर्वनाश की ओर ले जाता है, इसी अहंकार के कारण ज्ञानी और महाबली रावण का भी अंत हो गया। जो लोग सत्कर्म को छोडक़र चलते है, उसका पतन होना तय है। ये उदबोधन स्थानीय बाबू भवन में आयोजित श्रीराम कथा के पांचवे दिन शुक्रवार को संत रामस्वरुप शास्त्री ने व्यक्त किए।
कथा वाचक शास्त्री ने कहा कि भगवान शिव से वरदान के बाद रावण अहंकारी हो गया। इसी अहंकार से लंका का सर्वनाश हुआ और अंत में खुद रावण भी श्रीराम के हाथों मारा गया। कथा से पूर्व कथावाचक शास्त्री ने भगवान शनिदेव की तस्वीर के समक्ष पुष्पहार अर्पित किए व कथा वाचक महाराज का हिरालाल बंजारी, दोलत प्रजापत, नंदकिशोर बंसल आदि ने महाराज का माल्यापर्ण कर स्वागत किया। महाराज ने बताया कि सीता स्वयंवर के पश्चात आयोध्या में खुशी की लहर थी। महाराज ने बताया कि दशरथ से कैकई की ओर से मांगे दो वरदान का वर्णन, जिसमें राम को चौदह वर्ष का वनवास व भरत को राजतिलक। राम वनगमन कि स्वांग रचे राम-लक्ष्मण सीता की श्रृंगार सुसज्जित झांकी का मंचन किया गया। भगवान राम ने वनवास के दौरान नदी ग्राम जाकर वनवासी देश में तपस्या की। चित्रकूट में श्रीराम ने साढ़े ग्यारह वर्ष तक गिरी पर्वत पर वनवास व फिर आगे के लिए प्रस्थान कर अगस्त मुनि के आश्रम का वर्णन सुनाया। राम वनगमन की झांकी का कथा स्थल पर बैठे हजारों लोगों ने आनंद लिया। राम वनवास के दौरान गायक बृजेश दाधिच ने भजन वन चले राम रघुराई सहित चले सीता माई...., आगे-आगे राम चलत है, पीछे लक्ष्मण भाई... भजन पर श्रोताओं ने झुमते हुए कथा श्रवण का आनंद लिया। कथा के दौरान चंपालाल गर्ग, बसंतीदेवी, बिना गुप्ता, सुमन गुप्ता, अशोक बंसल, प्रबुद्धजनों को आरती का सौभाग्य मिला। मंडल प्रवक्ता दोलत प्रजापत ने बताया कि राम कथा के दौरान शुक्रवार को मंगलाराम पुत्र कलाराम सोलंकी की ओर से प्रसादी वितरित की गई। प्रजापत ने बताया कि पूर्व रात्रि में विजयराज भाटी ने गणपति वंदना मेरे लाडले गणेश प्यारे-प्यारे गुरू महिमा सहित एक दिन वो मीले भंडारी वन के बृज की नारी गोकूल में आ गये ..., नाम है तेरा तारण द्वारा कब तेरा दर्शन होगा ..., मेरे घर के आगे शनि बाबा तेरा मंदिर बन जाए ... सहित अनेक भजनों की प्रस्तुतियां दी। उन्होंने बताया कि आज शनिवार सायं ८ बजे कथा स्थल पर बाबू भवन में विश्व हिंदू परिषद की ओर से संगीतमय सुंदर कांड पाठ का आयोजन होगा।
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