मर्द नहीं, इस औरत को भी नहीं होता है दर्द

बर्लिन। बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन की फिल्म मर्द में अमिताभ का एक डॉयलाग तो आपको जरुर याद होगा, जिसमे अमिताभ ने कहा था,  'मर्द क...

बर्लिन। बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन की फिल्म मर्द में अमिताभ का एक डॉयलाग तो आपको जरुर याद होगा, जिसमे अमिताभ ने कहा था,  'मर्द को कभी दर्द नहीं होता', लेकिन यहां उल्टा है।

जी हाँ, यहां हम बात कर रहे हैं एक ऐसी लड़की की जिसे किसी भी तरह का दर्द नहीं होता। दरअसल, यह लड़की दर्द को लेकर एक जन्मजात विसंगति की शिकार है। वैज्ञानिकों ने उसके जीन सीक्वेंस पर गौर किया और इसकी उसके माता-पिता के जीन्स सीक्वेंस से तुलना की तब उन्हें पता लगा कि उनमें ऐसी कोई कमी नहीं है।

वैज्ञानिकों का मानना है कि उसके शरीर में पाए जाने वाले एससीएन 11-ए जीन में उत्परिवर्तन (म्यूटेशन) हो गया है। इस तरह के म्यूटेशन से दर्द का अनुभव करने वाले न्यूरोन्स पर चैनल्स बनने पर असर पड़ता है। इन चैनल्स के ‍किनारे आयन्स गुजरते हैं और यह इलेक्ट्रिकल नर्व इम्पल्सेज को विकसित करते हैं। यह नर्व इम्पल्सेज ही मस्तिष्क तक पहुंचते हैं और इनसे दिमाग को दर्द की जानकारी मिलती है।

इस नई जानकारी के आधार पर वैज्ञानिक ऐसी पेनकिलर्स बनाने की कोशिश कर रहे हैं जो कि इस तरह की चैनल्स पर रोक लगा सके जो कि दर्द के अनुभूति को महसूस कराने का काम करती हैं। लड़की ने वैज्ञानिकों को रास्ता दिखाया है कि वे दर्द का अनुभव कराने वाले जीन के उत्परिवर्तन से जानें कि दर्द के अनुभव को कैसे रोका जा सकता है। जर्मन वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि वे इस नई जानकारी की रोशनी नए किस्म के पेनकिलर्स बना सकेंगे।

वैज्ञानिकों को लड़की की स्थिति से पता लगा है कि वह स्पर्श का अनुभव कर सकती है, लेकिन दर्द का अनुभव नहीं कर सकती है। इस प्रकार वह आग से जल भी सकती है, लेकिन उसे दर्द का अहसास नहीं होगा और वह यह नहीं बता सकती है कि किसी चीज को छूना तकलीफदेह है और वह इस कारण से गंभीर चोटों का भी शिकार हो सकती है।

न्यू साइंटिस्ट की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि जर्मनी में जेना यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल के डॉ. इन्गो कुर्त ने पता लगाया है कि उसका एक जीन एससीएन 11-ए बदल गया है और इस कारण से दर्द का अनुभव कराने वाले न्यूरॉन्स का मार्ग नहीं बन पाता है। इस मार्ग के किनारे पर आयन्स गुजरते हैं जोकि एक इलेक्ट्रिकल नर्व इम्पल्सेज के जरिए दिमाग को दर्द की सूचना देते हैं, लेकिन इस लड़की के मामले में ऐसा नहीं होता है और शरीर को दर्द का अनुभव नहीं होता है।

उल्लेखनीय है कि जर्मन वैज्ञानिकों ने एक दवा बनाने पर काम शुरू कर दिया है जो कि दर्द के सिग्नल्स को बाधित कर देगी और दवा लेने वाले को दर्द का अनुभव नहीं होगा। दर्द को लेकर जन्मजात संवेदनहीनता एक दुर्लभ स्थिति होती है और इसके कारण प्रभावित व्यक्ति को दर्द का अनुभव नहीं होता है। इससे प्रभावित लोग चीजों को स्पर्श तो कर सकते हैं, लेकिन उन्हें दर्द का अहसास नहीं होता है

ऐसे लोग गंभीर बीमारियों, चोटों और संक्रमण का शिकार हो सकते हैं क्योंकि वे अपनी हालत को बताने की हालत में नहीं होते हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह स्थिति दिमाग के द्वारा बहुत अधिक मात्रा में एंडोर्फिन्स पैदा होने के कारण हो सकती है।

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