दिल्ली गैंगरेप मामले में चारों दोषियों को सजा-ए-मौत
नई दिल्ली। गत वर्ष 16 दिसंबर को देश की राजधानी दिल्ली में एक चलती बस में हुए गैंगरेप मामले में दिल्ली की साकेत कोर्ट ने एक बड़ा फैसला देत...
https://khabarrn1.blogspot.com/2013/09/court-sentenced-to-death-for-four-convicts-of-delhi-gangrape.html
नई दिल्ली। गत वर्ष 16 दिसंबर को देश की राजधानी दिल्ली में एक चलती बस में हुए गैंगरेप मामले में दिल्ली की साकेत कोर्ट ने एक बड़ा फैसला देते हुए चारों दोषियों को फांसी की सजा सुनाई गई है।
दिल्ली में 23 साल की एक पैरा मेडिकल छात्रा के साथ चलती बस में 6 दरिंदों ने मिलकर गैंगरेप किया था और हैवानियत की सारी हदों को पार कर दिया था। गैंगरेप के इन छह दोषियों में से एक ने कुछ महीनों पहले आत्महत्या कर ली थी और एक को हाल ही में 3 साल की सजा शुनाई गई थी।
इसके बाद आज दिल्ली की साकेत कोर्ट के कमरा नंबर 304 में बाकि के चार दोषियों मुकेश सिंह, विनय शर्मा, अक्षय ठाकुर और पवन गुप्ता को सजा-ए-मौत सुनाई है। इससे पहले बुधवार को फास्ट ट्रैक कोर्ट में दोषी करार दिए गए चारों दोषियों की सजा पर बहस पूरी हो गई थी और जज ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।
साकेत कोर्ट के इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा कि दोषियों को दी गया सजा से पीड़ित और उसके परिवार को न्याय मिला है और इस फैसले से समाज में संदेश जाएगा। गृहमंत्री ने कहा कि मैं फैसला का स्वागत करता हूं।
बचाव पक्ष के वकील ए पी सिंह का कहना है कि यह फैसला राजनीतिक दवाब में लिया गया फैसला है और कोर्ट ने सभी सबूत नजरअंदाज किए है। उन्होंने कहा कि अगर आने वाले समय में दिल्ली में कोई बलात्कार नहीं होता है तो वह हाई कोर्ट नहीं जाएंगे। लेकिन अगर इस फैसले के बाद भी समाज में बालात्कार की घटनाएँ कम नहीं होती है तो वे इस फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट का रुख करेंगे।
जज के फैसले के मुताबिक, 'ऐसे समय में जब महिलाओं के खिलाफ अपराध चरम पर हैं, कोर्ट इस तरह के खौफनाक और वहशियाना अपराध को नजरअंदाज नहीं कर सकता। इस केस में सहनशीलता नहीं दिखाई जा सकती।'
कोर्ट के द्वारा सुनाई गई फांसी की सजा सुनते ही बलात्कार के चारों दोषी फूट-फूट कर रो पड़े। वहीं दूसरी ओर पीड़िता के परिवार ने इस फैसले का स्वागत करते हुए फैसले पर ख़ुशी जाहिर की और न्याय के लिए उनका साथ देने के लिए पूरे देश को धन्यवाद कहा।
दिल्ली में 23 साल की एक पैरा मेडिकल छात्रा के साथ चलती बस में 6 दरिंदों ने मिलकर गैंगरेप किया था और हैवानियत की सारी हदों को पार कर दिया था। गैंगरेप के इन छह दोषियों में से एक ने कुछ महीनों पहले आत्महत्या कर ली थी और एक को हाल ही में 3 साल की सजा शुनाई गई थी।
इसके बाद आज दिल्ली की साकेत कोर्ट के कमरा नंबर 304 में बाकि के चार दोषियों मुकेश सिंह, विनय शर्मा, अक्षय ठाकुर और पवन गुप्ता को सजा-ए-मौत सुनाई है। इससे पहले बुधवार को फास्ट ट्रैक कोर्ट में दोषी करार दिए गए चारों दोषियों की सजा पर बहस पूरी हो गई थी और जज ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।
साकेत कोर्ट के इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा कि दोषियों को दी गया सजा से पीड़ित और उसके परिवार को न्याय मिला है और इस फैसले से समाज में संदेश जाएगा। गृहमंत्री ने कहा कि मैं फैसला का स्वागत करता हूं।
बचाव पक्ष के वकील ए पी सिंह का कहना है कि यह फैसला राजनीतिक दवाब में लिया गया फैसला है और कोर्ट ने सभी सबूत नजरअंदाज किए है। उन्होंने कहा कि अगर आने वाले समय में दिल्ली में कोई बलात्कार नहीं होता है तो वह हाई कोर्ट नहीं जाएंगे। लेकिन अगर इस फैसले के बाद भी समाज में बालात्कार की घटनाएँ कम नहीं होती है तो वे इस फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट का रुख करेंगे।
जज के फैसले के मुताबिक, 'ऐसे समय में जब महिलाओं के खिलाफ अपराध चरम पर हैं, कोर्ट इस तरह के खौफनाक और वहशियाना अपराध को नजरअंदाज नहीं कर सकता। इस केस में सहनशीलता नहीं दिखाई जा सकती।'
कोर्ट के द्वारा सुनाई गई फांसी की सजा सुनते ही बलात्कार के चारों दोषी फूट-फूट कर रो पड़े। वहीं दूसरी ओर पीड़िता के परिवार ने इस फैसले का स्वागत करते हुए फैसले पर ख़ुशी जाहिर की और न्याय के लिए उनका साथ देने के लिए पूरे देश को धन्यवाद कहा।