राम रूठा तो किसानों के माथें पर लौटी चिंता की लकीरें
बालोतरा। सावन में हुई बरसात के बाद भादौ के पूरा सूखा बीतने से खेतों में खड़ी फसल बर्बाद होने के कगार पर पहुंच गई है। खेतों में लगातार ...
फसल खराबे की आशंका से किसानों को इस बार आर्थिक नुकसान होने की संभावना बलवती हो रही है। आगामी पांच सात दिन में बारिश नहीं हुई तो, फिर अकाल के हालात बन जाएंगे। जिलेभर में सावन माह में हुई बरसात के बाद किसानों ने क्षेत्र में अपने-अपने खेतों में फसलों की बुवाई कर दी।
बुवाई के दौरान काफी दिनों तक रुक-रूककर बरसात का दौर जारी रहने से फसलों के अंकुरित होने की पूरी संभावना थी। फसलें बड़ी हो गई, मगर जब फसलों पर फाल आने लगा उस समय बरसात ने किसानों को दगा दे दिया। पिछले कई सालों से सावन के साथ ही भादौ में भी अच्छी बरसात होती है, मगर इस बार मौसम दगा देता हुआ दिखाई दे रहा है।
रोज आकाश में मंडरा रहे बादल बरसात की आस तो जगा रहे है, मगर अभी तक पूरा भादौ लगभग सूखा ही बीता है। एक बूंद भी बरसात नहीं होने के कारण खेतों मे खड़ी खराब हो रही है। कई खेतों में तो फसलें पूरी तरस से जलकर नष्ट हो गई है तो कई स्थानों पर किसान अपनी फसलों को बचाने के लिए कुओं के पानी से सिंचाई कर रहे है, मगर कुओं में भी पानी कम होने के कारण पर्याप्त सिंचाई नहीं हो पा रही है।