अच्छी खबर : डेढ़ गुणा बढ़ेंगे थार के तेल-गैस भंडार!
बाड़मेर। राजस्थान के सीमावर्ती इलाके में तेल और गैस की खोज तथा उत्पादन देश की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने में और बड़ी भूमिका निभाएंगे। वर्...
गत तीन महीनों के दौरान की गई ड्रिलिंग के दौरान नए तेल और गैस भंडारों का पता चला है। यहाँ तेल उत्पादन में जुटी कंपनी केयर्न इंडिया के मुताबिक आने वाले समय में बाड़मेर के गैस भंडारों पर और अधिक ध्यान केंद्रित किया जायेगा। मुंबई में कंपनी की वार्षिक साधारण बैठक के दौरान राजस्थान के तेल गैस भंडारों से जुडी नई संभावनाओं की जानकारी दी गई।
केयर्न इंडिया के चेयरमैन नवीन अग्रवाल के मुताबिक विश्व ऊर्जा बाज़ार में भारत और चीन सबसे बड़े तेल आयात करने वाले देश हैं, जबकि अमेरिका आयातित तेल पर अपनी निर्भरता काम करता जा रहा है। उनके अनुसार, "अमेरिका की तरह ही सरल नीतियों, कर तथा वित्तीय प्रावधानों की स्पष्टता और अनुबंधों की अनुपालना कर हम भी घरेलू तेल उत्पादन को बढ़ावा दे सकते हैं।"
अग्रवाल के मुताबिक घरेलू तेल उत्पादन के चलते सरकार को महत्वपूर्ण राजस्व की प्राप्ति तो होती ही है, साथ ही तेल आयात पर होने वाला भारी खर्च बचाया जा सकता है। केयर्न के राजस्थान एवं अन्य भंडारों से उत्पादन के चलते गत वर्ष तेल आयात पर होने वाले खर्च में 48,000 करोड़ रुपए की बचत हुई, वहीं सरकार और इसके नामित भागीदारों को इस दौरान 32,000 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ।
राजस्थान के तेल भंडारों के साथ नए गैस भंडारों को लेकर भी उत्साहजनक संकेत सामने आये हैं। बाड़मेर में कंपनी विश्व का अब तक का सबसे बड़ा पॉलीमर फ्लड तकनीक प्रोजेक्ट शुरू करने वाली है। इससे प्राप्त होने वाले तेल की मात्रा में बढ़ोतरी होगी। नए गैस भंडारों के चलते राजस्थान भारत के प्राकृतिक गैस बाज़ार का महत्वपूर्ण सदस्य बन कर उभरेगा।
कंपनी के अंतरिम सीईओ सुधीर माथुर के अनुसार वित्तीय वर्ष के अंत तक राजस्थान से गैस उत्पादन को दोगुने स्तर तक पहुंचा दिया जायेगा। इस वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही के दौरान 4 करोड़ 80 लाख घन फ़ीट प्रति दिन गैस का उत्पादन किया गया। एक आंकलन के मुताबिक राज्य के गैस भंडार एक खरब घन फ़ीट या इससे भी अधिक हो सकते हैं।