अंबेडकर देश के युग पुरूष थे : चतुर्वेदी
अजमेर । बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर देश के युग पुरूष थे। जिन्होंने विषम परिस्थितियों से संघर्ष करते हुए देश ही नहीं दुनिया को भी नयी दिशा ...
https://khabarrn1.blogspot.com/2017/02/blog-post_28.html
अजमेर । बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर देश के युग पुरूष थे। जिन्होंने विषम परिस्थितियों से संघर्ष करते हुए देश ही नहीं दुनिया को भी नयी दिशा प्रदान की है। ये विचार सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, अल्पसंख्यक मामलात एवं वक्फ केबिनेट मंत्री अरूण चतुर्वेदी ने गुरूवार को मिस्त्री मौहल्ला आम का तालाब में अजमेर दक्षिण विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास कोष के माध्यम से 20 लाख की राशि से निर्मित अंबेडकर सामुदायिक भवन के लोकार्पण अवसर पर कहे।
उन्होंने कहा कि बाबा साहेब ने विश्व में भारत का नाम रोशन किया। उनके द्वारा आरम्भ किया गया आंदोलन वर्तमान में पूरे समाज का आंदोलन बन गया है। उनके द्वारा प्रदान किया गया संविधान भारत को एक सूत्र में पिरोने का कार्य कर रहा है। यह हमारे लिए गर्व की बात है। बाबा साहेब ने तत्कालीन परिस्थितियों में अपना मुकाम बनाया उन्हें समाज के दो रूप देखने को मिले एक रूप प्रताड़ना का था वहीं दूसरा रूप अम्बेडकर जैसे शिक्षक का और गायकवाड़ जैसे वजिफा देने वाले शासक का था।
उन्होंने कहा कि महापुरूषों को याद करने के साथ-साथ उनके जीवन से प्रेरणा भी लेनी चाहिए। बाबा साहेब का मानना था कि हमारे धर्म और समाज में कमी हो सकती है। हमारा उद्देश्य इस कमजोरी को दूर करना होना चाहिए और अपने सभी भाईयों, समाज को साथ लेकर चलना चाहिए।
उन्होंने कहा कि पं.दीनदयाल उपाध्याय ने अंत्योदय का संदेश दिया। इस कारण समाज के अन्तिम छोर पर बैठे व्यक्ति को सुविधाएं उपलब्ध हो सकी। समाज के प्रत्येक व्यक्ति तक विकास की पहुंच होने से ही राज्य और देश विकसित होंगे। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भैरो सिंह शेखावत ने सड़क, पानी एवं बिजली को जन-जन तक पहुंचाने के लिए विशेष कार्य किया।
उन्होंने कहा कि सरकार की योजनाएं पूरी तरह से पात्रा व्यक्ति तक उचित समय पर पहुंचे यही प्रयास रहेगा। विश्वकर्मा जयन्ती भारतीय परम्परा के अनुसार मेहनतकश तथा निर्माण करने वाले व्यक्तियों के लिए प्रतिवर्ष मनायी जानी चाहिए।
महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिता भदेल ने कहा कि निर्माण कार्य में लगे मेहनतकश लोग विश्वकर्मा भगवान के प्रतिनिधि है। विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर अंबेडकर सामुदायिक भवन का लोकार्पण सभी को मेहनत का संदेश देता है। इस भवन का शिलान्यास अंबेडकर जयंती के दिन हुआ और लोकार्पण विश्वकर्मा जयन्ती के दिन होना एक अनूठा सहयोग है। ये सामुदायिक भवन सभी के लिए उपयोगी होगा।
लोकार्पण समारोह में सामुदायिक भवन की भूमि को अतिक्रमण मुक्त रखने के लिए मुन्नी देवी, रामजीलाल तथा देवी लाल को सम्मानित किया गया। पूर्व पार्षद पवन बैरवा की सामाजिक योजनाओं के द्वारा व्यक्तियों को जागरूक कर लाभांवित करने के लिए सराहना की गई।
इस अवसर पर नगर निगम के उप महापौर संपत सांखला, पार्षद संतोष मौर्या, बीना टांक एवं कंवल प्रकाश किशनानी तथा सीमा गोस्वामी सहित बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक उपस्थित थे।
उन्होंने कहा कि बाबा साहेब ने विश्व में भारत का नाम रोशन किया। उनके द्वारा आरम्भ किया गया आंदोलन वर्तमान में पूरे समाज का आंदोलन बन गया है। उनके द्वारा प्रदान किया गया संविधान भारत को एक सूत्र में पिरोने का कार्य कर रहा है। यह हमारे लिए गर्व की बात है। बाबा साहेब ने तत्कालीन परिस्थितियों में अपना मुकाम बनाया उन्हें समाज के दो रूप देखने को मिले एक रूप प्रताड़ना का था वहीं दूसरा रूप अम्बेडकर जैसे शिक्षक का और गायकवाड़ जैसे वजिफा देने वाले शासक का था।
उन्होंने कहा कि महापुरूषों को याद करने के साथ-साथ उनके जीवन से प्रेरणा भी लेनी चाहिए। बाबा साहेब का मानना था कि हमारे धर्म और समाज में कमी हो सकती है। हमारा उद्देश्य इस कमजोरी को दूर करना होना चाहिए और अपने सभी भाईयों, समाज को साथ लेकर चलना चाहिए।
उन्होंने कहा कि पं.दीनदयाल उपाध्याय ने अंत्योदय का संदेश दिया। इस कारण समाज के अन्तिम छोर पर बैठे व्यक्ति को सुविधाएं उपलब्ध हो सकी। समाज के प्रत्येक व्यक्ति तक विकास की पहुंच होने से ही राज्य और देश विकसित होंगे। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भैरो सिंह शेखावत ने सड़क, पानी एवं बिजली को जन-जन तक पहुंचाने के लिए विशेष कार्य किया।
उन्होंने कहा कि सरकार की योजनाएं पूरी तरह से पात्रा व्यक्ति तक उचित समय पर पहुंचे यही प्रयास रहेगा। विश्वकर्मा जयन्ती भारतीय परम्परा के अनुसार मेहनतकश तथा निर्माण करने वाले व्यक्तियों के लिए प्रतिवर्ष मनायी जानी चाहिए।
महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिता भदेल ने कहा कि निर्माण कार्य में लगे मेहनतकश लोग विश्वकर्मा भगवान के प्रतिनिधि है। विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर अंबेडकर सामुदायिक भवन का लोकार्पण सभी को मेहनत का संदेश देता है। इस भवन का शिलान्यास अंबेडकर जयंती के दिन हुआ और लोकार्पण विश्वकर्मा जयन्ती के दिन होना एक अनूठा सहयोग है। ये सामुदायिक भवन सभी के लिए उपयोगी होगा।
लोकार्पण समारोह में सामुदायिक भवन की भूमि को अतिक्रमण मुक्त रखने के लिए मुन्नी देवी, रामजीलाल तथा देवी लाल को सम्मानित किया गया। पूर्व पार्षद पवन बैरवा की सामाजिक योजनाओं के द्वारा व्यक्तियों को जागरूक कर लाभांवित करने के लिए सराहना की गई।
इस अवसर पर नगर निगम के उप महापौर संपत सांखला, पार्षद संतोष मौर्या, बीना टांक एवं कंवल प्रकाश किशनानी तथा सीमा गोस्वामी सहित बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक उपस्थित थे।