अब केन्द्र सरकार की निगरानी व जिम्मेदारी में रहेगी आदर्श सोसाइटी बिल्डिंग
https://khabarrn1.blogspot.com/2016/07/adarsh-society-building-to-remain-in-charge-and-monitoring-of-central-government.html
मुंबई। मुंबई के सबसे चर्चित आदर्श सोसाइटी घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता आदर्श सोसायटी को बड़ा झटका देते हुए केंद्र सरकार को आदेश दिया है कि वह एक हफ्ते में आदर्श बिल्डिंग को अपने कब्जे में ले लें। साथ ही अब आदर्श बिल्डिंग की सुरक्षा अब केंद्र सरकार की जिम्मेदारी और निगरानी में रहेगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि केंद्र ही इमारत की सुरक्षा का इंतज़ाम करे।
गौरतलब है की मुंबई हाईकोर्ट ने इसी साल आदर्श सोसायटी को ध्वस्त करने के आदेश दिए थे। आदर्श सोसायटी, एक ऐसी इमारत जो भ्रष्टाचार की नींव पर खड़ी है। इस 31 मंजिला इमारत की हर दिवार से भ्रष्टाचार की बू आती है। इस साल अप्रैल महीने में मुंबई हाईकोर्ट ने आदर्श सोसायटी को गिराने के आदेश दिए थे, लेकिन सोसायटी के लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में अपील कर दी।
सोसायटी की ओर से दायर की गई इस याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आदर्श सोसाइटी को परिसर की देखरेख करने की इजाजत नहीं दी जा सकती। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को इस इमारत को अपने कब्जे में लेने के आदेश दिया है। साथ ही इसकी देख-रेख के अधिकार भी सोसायटी से छीनकर केंद्र सरकार को दे दिए हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने आदर्श को हेंडओवर करने के लिए 5 अगस्त तक का टाइम कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट रजिस्ट्रार को हेंडओवर करने की निगरानी करने और सोसाइटी के कागजात वहां से निकालने की निगरानी का जिम्मा सौंपा है।
गौरतलब है कि आदर्श सोसायटी घोटाले से संबंधि यह इमारत मुंबई के कोलाबा में स्थित 31 मंज़िल की इमारत सेना से जुड़े लोगों और युद्ध विधवाओं के लिए इमारत बनाई गई थी। यह मामला 2010 में उस वक्त सामने आया जब इसके निर्माण में कथित तौर पर नियम-कानून के उल्लंघन की बात सामने आई। बाद में यह भी पता चला कि कई प्रभावशाली अधिकारियों, सैन्य अधिकारियों और नेताओं के रिश्तेदारों को इसमें फ्लैट दिए गए थे।
विवाद में नाम आने के बाद तत्कालीन कांग्रेस-एनसीपी सरकार के मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण को इस्तीफ़ा देना पड़ा था। इस इमारत की हर मंज़िल पर तीन फ़्लैट हैं, दो लिफ़्ट हैं। हर फ़्लैट में एंट्री लेते ही लिविंग रूम है, लिविंग रूम से समंदर दिखाई देता है। प्रत्येक फ़्लैट 750 स्क्वायर फ़ीट का है। फिलहाल फ्लैट की कीमत 5-7 करोड़ के बीच है और उस वक्त 3,200 रुपए स्क्वायर फीट में फ्लैट बेचे गए थे।
Adarsh Society Adarsh Building Mumbai Maharashtra Bombay High Court Supreme Court
गौरतलब है की मुंबई हाईकोर्ट ने इसी साल आदर्श सोसायटी को ध्वस्त करने के आदेश दिए थे। आदर्श सोसायटी, एक ऐसी इमारत जो भ्रष्टाचार की नींव पर खड़ी है। इस 31 मंजिला इमारत की हर दिवार से भ्रष्टाचार की बू आती है। इस साल अप्रैल महीने में मुंबई हाईकोर्ट ने आदर्श सोसायटी को गिराने के आदेश दिए थे, लेकिन सोसायटी के लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में अपील कर दी।
सोसायटी की ओर से दायर की गई इस याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आदर्श सोसाइटी को परिसर की देखरेख करने की इजाजत नहीं दी जा सकती। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को इस इमारत को अपने कब्जे में लेने के आदेश दिया है। साथ ही इसकी देख-रेख के अधिकार भी सोसायटी से छीनकर केंद्र सरकार को दे दिए हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने आदर्श को हेंडओवर करने के लिए 5 अगस्त तक का टाइम कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट रजिस्ट्रार को हेंडओवर करने की निगरानी करने और सोसाइटी के कागजात वहां से निकालने की निगरानी का जिम्मा सौंपा है।
गौरतलब है कि आदर्श सोसायटी घोटाले से संबंधि यह इमारत मुंबई के कोलाबा में स्थित 31 मंज़िल की इमारत सेना से जुड़े लोगों और युद्ध विधवाओं के लिए इमारत बनाई गई थी। यह मामला 2010 में उस वक्त सामने आया जब इसके निर्माण में कथित तौर पर नियम-कानून के उल्लंघन की बात सामने आई। बाद में यह भी पता चला कि कई प्रभावशाली अधिकारियों, सैन्य अधिकारियों और नेताओं के रिश्तेदारों को इसमें फ्लैट दिए गए थे।
विवाद में नाम आने के बाद तत्कालीन कांग्रेस-एनसीपी सरकार के मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण को इस्तीफ़ा देना पड़ा था। इस इमारत की हर मंज़िल पर तीन फ़्लैट हैं, दो लिफ़्ट हैं। हर फ़्लैट में एंट्री लेते ही लिविंग रूम है, लिविंग रूम से समंदर दिखाई देता है। प्रत्येक फ़्लैट 750 स्क्वायर फ़ीट का है। फिलहाल फ्लैट की कीमत 5-7 करोड़ के बीच है और उस वक्त 3,200 रुपए स्क्वायर फीट में फ्लैट बेचे गए थे।
Adarsh Society Adarsh Building Mumbai Maharashtra Bombay High Court Supreme Court