पठानकोट हमला : धमाकों के बीच भी सुरक्षित रहे दरगाह, गुरूद्वारे और हनुमान मूर्ति
जानकारी के अनुसार, एयरबेस पर हुए इस हमले के बाद चला पूरा ऑपरेशन पांच जनवरी को खत्म हुआ। इस दौरान आतंकियों और सेना के बीच मुठभेड़ जारी रही और जमकर गोलीबारी हुई। आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान यहां बनी इमारत पर गोलियों के ढेरों निशान देखे जा सकते हैं। लेकिन इस पास ही एक गुरुद्वारा, दरगाह और हनुमान जी की मूर्ति भी बनी है जिन्हें खरोंच तक नहीं आई।
एक अंग्रेजी अखबार की खबर के अनुसार, यह तीनों धार्मिक स्थल अकालगढ़ और ताजपुर में एयरबेस के ठीक विपरीत दिशा में बने हैं और इन दोनों को एक 100 मीटर की नहर अलग करती है। इस हमले में खास बात यह भी रहीं कि मुठभेड़ के दौरान इन दोनों गांवों के एक भी व्यक्ति ने डरकर गांव नहीं छोड़ा।
यहां 110 मुस्लिम, 2 हजार हिंदू और सिख परिवार रहते हैं। ज्यादातर लोगों ने सेना की मदद ही कि भले ही उनके घरों की छतों पर किरचें गिरती रहीं। जब आतंकियों से मुठभेड़ चल रही थी, तब गुरुद्वारे में आर्मी के जवान लंगर में शामिल होते तो हनुमान जी की आरती भी करते।
हालांकि, सेना ने जब बेस को घेर रखा था तब इन तीनों धार्मिक स्थलों को भी सुरक्षा दे रखी थी। पठानकोट एयरबेस के वरीष्ठ अधिक्षक आरके बक्षी के अनुसार हमने हमले के दौरान इन तीनों धार्मिक स्थलों की सुरक्षा के लिए विशेष बल तैनात किया था।