भारत का पहला पूर्ण जैविक खेती वाला राज्य बना सिक्किम
https://khabarrn1.blogspot.com/2016/01/sikkim-became-first-fully-organic-state-in-india.html
कोलकाता। देश का पूर्वोत्तर राज्य सिक्किम भारत का पहला ऐसा राज्य बन गया है, जो पूर्ण जैविक खेती वाला राज्य है। इसके साथ ही सिक्किम ने भारतीय कृषि के इतिहास में एक सुनहरा पन्ना जोड़ दिया है। करीब 75 हजार हेक्टेयर भूमि पर जैविक खेती कर वह देश का पहला पूर्ण जैविक राज्य बन गया है। इसकी औपचारिक घोषणा 18 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गंगटोक में होने वाले सतत कृषि सम्मेलन में करेंगे।
सिक्किम जैविक मिशन के कार्यकारी निदेशक डॉ. आनबालागन ने बताया कि दिसंबर के अंत में हमने पूर्ण जैविक राज्य का दर्जा हासिल कर लिया है। उन्होंने बताया, जैविक उत्पाद के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम में निर्धारित दिशानिर्देशों के अनुरूप प्रक्रियाओं व सिद्धांतों को लागू कर करीब 75,000 हेक्टेयर कृषि भूमि को क्रमिक रूप से प्रमाणिक जैविक भूमि में तब्दील किया गया।
जैविक खेती से हिमालयन राज्य में पर्यटन के बढऩे की संभावना भी बढ़ गई है। कई रिसॉर्ट यह कहकर अपनी मार्केटिंग कर रहे हैं कि उनके यहां मिलने वाले सभी उत्पाद जैविक खेती से पैदा हुए हैं।
जैविक खेती में रासायनिक कीटनाशकों व उवर्रकों का इस्तेमाल करने के बजाय परंपरागत तरीके अपनाकर पर्यावरण के साथ तालमेल बनाया जाता है।
जैविक खेती से जैव-विविधता को संरक्षण व पर्यावरण रक्षा में दीर्घकाल में मदद मिलती है। साथ ही फसल उत्पादन में बढ़ोतरी होती है।
सिक्किम जैविक मिशन के कार्यकारी निदेशक डॉ. आनबालागन ने बताया कि दिसंबर के अंत में हमने पूर्ण जैविक राज्य का दर्जा हासिल कर लिया है। उन्होंने बताया, जैविक उत्पाद के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम में निर्धारित दिशानिर्देशों के अनुरूप प्रक्रियाओं व सिद्धांतों को लागू कर करीब 75,000 हेक्टेयर कृषि भूमि को क्रमिक रूप से प्रमाणिक जैविक भूमि में तब्दील किया गया।
जैविक खेती से हिमालयन राज्य में पर्यटन के बढऩे की संभावना भी बढ़ गई है। कई रिसॉर्ट यह कहकर अपनी मार्केटिंग कर रहे हैं कि उनके यहां मिलने वाले सभी उत्पाद जैविक खेती से पैदा हुए हैं।
जैविक खेती में रासायनिक कीटनाशकों व उवर्रकों का इस्तेमाल करने के बजाय परंपरागत तरीके अपनाकर पर्यावरण के साथ तालमेल बनाया जाता है।
जैविक खेती से जैव-विविधता को संरक्षण व पर्यावरण रक्षा में दीर्घकाल में मदद मिलती है। साथ ही फसल उत्पादन में बढ़ोतरी होती है।