स्वच्छ भारत अभियान की कार्यशाला आयोजित
अजमेर। स्वच्छ भारत अभियान के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए राजस्थान के ब्रांड एम्बेसेडर डूंगरपुर नगर परिषद के अध्यक्ष के.के गुप्ता ने शुक्...
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अजमेर। स्वच्छ भारत अभियान के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए राजस्थान के ब्रांड एम्बेसेडर डूंगरपुर नगर परिषद के अध्यक्ष के.के गुप्ता ने शुक्रवार को सूचना केन्द्र में जिले के नगरीय निकायों के जनप्रतिनिधियों की कार्यशाला को संबोधित कर खुले में शौच मुक्त, स्वच्छ एवं सुन्दर नगर बनाने के गुर बताए। कार्यशाला में अजमेर जिले के खुले में शौच मुक्त शहरी वार्डों के 97 पार्षदों का अभिनन्दन कर सम्मानित किया गया।
गुप्ता ने कहा कि राजस्थान स्वच्छता के क्षेत्र में कार्य के लिए जाना जाएगा। स्थानीय निकाय तथा जिला प्रशासन आपसी सहयोग से निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते है। इसमें जन संचार माध्यमों का सहयोग अपेक्षित है। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री स्वच्छता के कार्य को गम्भीरता से ले रहे है। उसी गम्भीरता के साथ शहर तथा वार्ड के प्रथम नागरिक को भी गर्व तथा जिम्मेदारी के साथ अपने कार्यक्षेत्र को स्वच्छ रखने के लिए कार्य करना चाहिए।
उन्होंने स्वच्छता के विभिन्न आयामों पर चर्चा करते हुए कहा कि शहर के विभिन्न मोक्षधामों को बगीचे में रूपान्तरित किए जाने की आवश्यकता है। वहां पर शौचालय, मुत्रालय एवं आरओ प्लान्ट स्थापित करने से शहर का सौंदर्य दुगुना हो जाएगा। शहर के समस्त घरों से कचरा संग्रहण करने के लिए साइकिल एवं ओटो का उपयोग पर्याप्त माॅनिटरिंग के साथ करने से इनकी सार्थकता सिद्ध होगी।
उन्होंने कहा कि शिकायत कक्ष के मजबूत होने से शहर की स्वच्छता पर आसानी से निगरानी रखकर सफाई की जा सकती है। नियमित तौर पर सफाई करने से धीरे-धीरे श्किायतों की संख्या में कमी आने लगती है। घर-घर कचरा संग्रहण करने से स्वच्छता का लगभग 60 फीसदी कार्य सम्पन्न हो जाता है। क्योंकि कचरा संग्रहित नहीं होने से व सड़कों तथा खुले स्थानों पर फैलना आरम्भ हो जाता है।
उन्होंने कहा कि गायों को प्लास्टिक खाने से बचाना भी स्वच्छता का एक भाग है। शहर में प्लास्टिक को प्रतिबंधित करने के लिए कपड़े अथवा नोन वूवन बैग सशुल्क वितरित करके थैले की आदत विकसित की जा सकती है। प्लास्टिक कैरीबैग की समय-समय पर जप्ती आवश्यक है।
नगर निगम के महापौर धर्मेन्द्र गहलोत ने कहा कि हाथ मे लिया हुआ कार्य छोटा या बढ़ा नहीं होता है। उसके प्रति लोगों के विचार अलग-अलग हो सकते है। प्रारम्भ में किसी विषय का मजाक उड़ाकर विरोध किया जाता है और अंत में कार्य की सराहना की जाती है। यही बात स्वच्छ भारत अभियान के साथ भी लागू हुई और अब यह जन आंदोलन से आगे बढ़कर मन आंदोलन बन गया है। अजमेर नगर निगम द्वारा खुले में शौच मुक्त वार्ड को विकास कार्य के लिए 10 लाख का अतिरिक्त बजट प्रदान किया जाएगा।
जिला कलेक्टर गौरव गोयल ने कहा कि जिले के अधिकतर शहरी निकाय जल्द ही खुले में शौच मुक्त होंगे। पुष्कर खुले में शौच मुक्त होने के पश्चात रबिश फ्री शहर बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। अजमेर की स्वच्छता की सराहना मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे तथा उत्तरपूर्वी क्षेत्र के प्रशासनिक अधिकारियों के दल द्वारा की गई है।
इस अवसर पर नगर निगम के आयुक्त प्रियव्रत पांड्या, उप आयुक्त ज्योति ककवानी एवं गजेन्द्र सिंह रलावता, पुष्कर नगर पालिका उपाध्यक्ष सहित जिले की विभिन्न शहरी निकायों के जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
गुप्ता ने कहा कि राजस्थान स्वच्छता के क्षेत्र में कार्य के लिए जाना जाएगा। स्थानीय निकाय तथा जिला प्रशासन आपसी सहयोग से निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते है। इसमें जन संचार माध्यमों का सहयोग अपेक्षित है। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री स्वच्छता के कार्य को गम्भीरता से ले रहे है। उसी गम्भीरता के साथ शहर तथा वार्ड के प्रथम नागरिक को भी गर्व तथा जिम्मेदारी के साथ अपने कार्यक्षेत्र को स्वच्छ रखने के लिए कार्य करना चाहिए।
उन्होंने स्वच्छता के विभिन्न आयामों पर चर्चा करते हुए कहा कि शहर के विभिन्न मोक्षधामों को बगीचे में रूपान्तरित किए जाने की आवश्यकता है। वहां पर शौचालय, मुत्रालय एवं आरओ प्लान्ट स्थापित करने से शहर का सौंदर्य दुगुना हो जाएगा। शहर के समस्त घरों से कचरा संग्रहण करने के लिए साइकिल एवं ओटो का उपयोग पर्याप्त माॅनिटरिंग के साथ करने से इनकी सार्थकता सिद्ध होगी।
उन्होंने कहा कि शिकायत कक्ष के मजबूत होने से शहर की स्वच्छता पर आसानी से निगरानी रखकर सफाई की जा सकती है। नियमित तौर पर सफाई करने से धीरे-धीरे श्किायतों की संख्या में कमी आने लगती है। घर-घर कचरा संग्रहण करने से स्वच्छता का लगभग 60 फीसदी कार्य सम्पन्न हो जाता है। क्योंकि कचरा संग्रहित नहीं होने से व सड़कों तथा खुले स्थानों पर फैलना आरम्भ हो जाता है।
उन्होंने कहा कि गायों को प्लास्टिक खाने से बचाना भी स्वच्छता का एक भाग है। शहर में प्लास्टिक को प्रतिबंधित करने के लिए कपड़े अथवा नोन वूवन बैग सशुल्क वितरित करके थैले की आदत विकसित की जा सकती है। प्लास्टिक कैरीबैग की समय-समय पर जप्ती आवश्यक है।
नगर निगम के महापौर धर्मेन्द्र गहलोत ने कहा कि हाथ मे लिया हुआ कार्य छोटा या बढ़ा नहीं होता है। उसके प्रति लोगों के विचार अलग-अलग हो सकते है। प्रारम्भ में किसी विषय का मजाक उड़ाकर विरोध किया जाता है और अंत में कार्य की सराहना की जाती है। यही बात स्वच्छ भारत अभियान के साथ भी लागू हुई और अब यह जन आंदोलन से आगे बढ़कर मन आंदोलन बन गया है। अजमेर नगर निगम द्वारा खुले में शौच मुक्त वार्ड को विकास कार्य के लिए 10 लाख का अतिरिक्त बजट प्रदान किया जाएगा।
जिला कलेक्टर गौरव गोयल ने कहा कि जिले के अधिकतर शहरी निकाय जल्द ही खुले में शौच मुक्त होंगे। पुष्कर खुले में शौच मुक्त होने के पश्चात रबिश फ्री शहर बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। अजमेर की स्वच्छता की सराहना मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे तथा उत्तरपूर्वी क्षेत्र के प्रशासनिक अधिकारियों के दल द्वारा की गई है।
इस अवसर पर नगर निगम के आयुक्त प्रियव्रत पांड्या, उप आयुक्त ज्योति ककवानी एवं गजेन्द्र सिंह रलावता, पुष्कर नगर पालिका उपाध्यक्ष सहित जिले की विभिन्न शहरी निकायों के जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।