संभाग स्तरीय समीक्षा बैठक सम्पन्न
अजमेर। संभागीय आयुक्त हनुमान सहाय मीणा की अध्यक्षता में गुरूवार को संभाग की पेयजल व्यवस्थाओं की संभाग स्तरीय समीक्षा बैठक सम्पन्न हुई। ...
संभागीय आयुक्त ने बैठक में संभाग के अजमेर, भीलवाड़ा, नागौर एवं टोंक जिलों के शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल व्यवस्था को सुचारू करने तथा गर्मियों में पानी की नियमित सप्लाई करने के लिए आवश्यक निर्देश दिए गए। उन्होंने कहा कि पेयजल की किल्लत वाली बसावटों में टेंकरों से जल परिवहन करके नागरिकों को राहत प्रदान कि जाए। जल परिवहन के लिए प्रयुक्त होने वाले टेंकरों पर ग्लोबल पोजीशनिंग सिस्टम (जीपीएस) आवश्यक रूप से लगाए जाए। टेंकरों को खाली करते समय स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं सरकारी कर्मचारी के द्वारा प्रमाणिकरण करवाए जाए। संभाग की समस्त टंकियों की नियमित सफाई सुनिश्चित की जाए।
उन्होंने कहा कि हैंण्डपम्पों की वर्तमान स्थिति का सर्वे कराया जाए तथा उनकी मरम्मत के लिए कार्ययोजना बनाकर अभियान चलाया जाए। आवश्यकता होने पर अति गहरे हैण्डपम्पों की अवधारणा पर भी कार्य किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जल बचाना कोई विशेषज्ञता हासिल करके किया जाने वाला कार्य नहीं है। प्रत्येक सभ्य नागरिक अपने संस्कारों तथा समझ के आधार पर जल बचा सकता है। वर्तमान का बचाया हुआ जल भविष्य में आने वाली पीढ़ी के लिए वरदान साबित होगा। उन्होंने कहा कि जल आपूर्ति करते समय विद्युत विभाग के साथ सामंजस्य स्थापित करके जलापूर्ति वाले क्षेत्र में विद्युत सप्लाई बन्द करवा देनी चाहिए।
किशनगढ़ शहर के लिए सप्लाई व्यवस्था सुदृढ़ करने के लिए अधीक्षण अभियंता सुनिल सिंघल को निर्देशित किया गया। पुरानी पाईप लाईन को बदलकर उसके स्थान पर माईल्ड स्टील की पाईप लाईन डालने का कार्य शीघ्र किया जाए।
उन्होंने कहा कि भीलवाड़ा जिले में पेयजल की व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाए। आवश्यकता होने पर रेलगाड़ी द्वारा पेयजल परिवहन की मात्रा तथा फेरों को बढ़ाने के लिए भीलवाड़ा के तकनीकी सहायक श्री वी.के.गर्ग को निर्देशित किया गया। पेयजल की कमी आने पर संबंधित क्षेत्रा में टेंकरों के द्वारा सप्लाई सुनिश्चित की जाए। भीलवाड़ा शहर के लिए चम्बल नदी का पानी उपलब्ध करवाने की योजना शीघ्र पूर्ण करने के लिए संबंधित विभागों के साथ समन्वय स्थापित करने के लिए भी निर्देशित किया गया।
उन्होंने नागौर जिले के अधिशाषी अभियंता अर्जुन राम चौधरी को निर्देशित किया कि मकराना में पेयजल स्त्रोत के नलकूपों को गहरा करवाया जाए जिससे कि प्रतिसप्ताह जलापूर्ति की जा सके। जिले में जलापूर्ति से वंचित बसावटों में टेंकरों के माध्यम से पानी पहुंचाना सुनिश्चित किया जाए। पेयजल व्यवस्था सुचारू करने के लिए कंटेन्जेंसी प्लान बनाने की आवश्यकता महसूस होने पर उस पर तुरन्त कार्यवाही अमल में लाई जाए।
टोक जिले के अधिशाषी अभियंता रामनिवास मीना को गुणवत्तायुक्त पेयजल की नियमित सप्लाई के लिए निर्देशित किया गया।
इस अवसर पर अतिरिक्त संभागीय आयुक्त कमल राम मीणा तथा संयुक्त निदेशक रूद्रा रेणु भी उपस्थित थे।