दुनिया की हैंडसेट कंपनियों में 10वें पायदान से टॉप-5 में जाना चाहती है माइक्रोमैक्स
https://khabarrn1.blogspot.com/2016/02/micromax-wants-to-get-palace-in-the-world-top-five-handset-makers.html
नई दिल्ली। दुनिया की दसवीं सबसे बड़ी स्मार्टफोन निर्माता कंपनी और हरियाणा के गुड़गांव स्थित मुख्यालय वाली भारतीय कंपनी माइक्रोमैक्स 10वें पायदान पर बनी रहने के बाद अब अपने आप को दुनिया की टॉप 5 कंपनियों में शामिल करना चाहती है। दरअसल, माइक्रोमैक्स ने अगले 3-4 साल में शीर्ष पांच वैश्विक कंपनियों में शामिल होने का लक्ष्य रखा है।
माइक्रोमैक्स अपने लक्ष्य के तहत अपना अंतरराष्ट्रीय कारोबार बढ़ा रही है और पश्चिम एशिया, अफ्रीका और सीआईस जैसे नए बाजारों में प्रवेश कर रही है। गौरतलब है कि माइक्रोमैक्स को जून, 2015 की तिमाही के अंत में अनुसंधान कंपनी गार्टनर ने 10वां स्थान प्रदान किया था और कहा था कि रुस, बांग्लादेश और नेपाल जैसे बाजारों में इसकी मजबूत उपस्थिति है।
माइक्रोमैक्स के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (अंतरराष्ट्रीय कारोबार) अमित माथुर ने कहा, ‘‘हमने नेपाल, श्रीलंका और बांग्लादेश जैसे बाजारों के साथ अपना अंतरराष्ट्रीय कारोबार शुरु किया। उसके बाद से हमने अन्य बाजारों में भी अपनी मौजूदगी बढ़ाई। रुस में हमारी पांच प्रतिशत हिस्सेदारी है।'' उन्होंने कहा कि कंपनी के कुल कारोबार में अंतरराष्ट्रीय कारोबार का करीब 15-20 प्रतिशत योगदान है।
उल्लेखनीय है की माइक्रोमैक्स को एक आईटी सॉफ्टवेयर कंपनी के रूप में स्थापित किया गया था, जो एम्बेडेड उपकरणों-डोमेन का परिचालन करती थी। बाद में 2010 के दौरान माइक्रोमैक्स ने मोबाइल हैंडसेट के कारोबार में प्रवेश किया। माइक्रोमैक्स सबसे बड़ी घरेलू हैंडसेट निर्माता कंपनियों में से एक है।
माइक्रोमैक्स अपने लक्ष्य के तहत अपना अंतरराष्ट्रीय कारोबार बढ़ा रही है और पश्चिम एशिया, अफ्रीका और सीआईस जैसे नए बाजारों में प्रवेश कर रही है। गौरतलब है कि माइक्रोमैक्स को जून, 2015 की तिमाही के अंत में अनुसंधान कंपनी गार्टनर ने 10वां स्थान प्रदान किया था और कहा था कि रुस, बांग्लादेश और नेपाल जैसे बाजारों में इसकी मजबूत उपस्थिति है।
माइक्रोमैक्स के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (अंतरराष्ट्रीय कारोबार) अमित माथुर ने कहा, ‘‘हमने नेपाल, श्रीलंका और बांग्लादेश जैसे बाजारों के साथ अपना अंतरराष्ट्रीय कारोबार शुरु किया। उसके बाद से हमने अन्य बाजारों में भी अपनी मौजूदगी बढ़ाई। रुस में हमारी पांच प्रतिशत हिस्सेदारी है।'' उन्होंने कहा कि कंपनी के कुल कारोबार में अंतरराष्ट्रीय कारोबार का करीब 15-20 प्रतिशत योगदान है।
उल्लेखनीय है की माइक्रोमैक्स को एक आईटी सॉफ्टवेयर कंपनी के रूप में स्थापित किया गया था, जो एम्बेडेड उपकरणों-डोमेन का परिचालन करती थी। बाद में 2010 के दौरान माइक्रोमैक्स ने मोबाइल हैंडसेट के कारोबार में प्रवेश किया। माइक्रोमैक्स सबसे बड़ी घरेलू हैंडसेट निर्माता कंपनियों में से एक है।