लद्दाख के हानले में लगाया जा सकता है दुनिया का सबसे बड़ा टेलिस्कॉप
https://khabarrn1.blogspot.com/2016/05/world-largest-Teliscop-likely-be-install-in-Hanley-of-Ladakh.html
नई दिल्ली। विश्व के सबसे बड़े टेलिस्कॉप को हवाई में लगाए जाने को लेकर हवाई की सुप्रीम कोर्ट की ओर से इस योजना को रद्द कर दिए जाने के बाद दुनिया के सबसे बड़े टेलिस्कॉप को लगाए जाने का लाभ लद्दाख को मिलने के आसार दिखाई रहे हैं।
दरअसल, हवाई में इस टेलिस्कॉप को लगाए जाने योजना के खिलाफ प्रदर्शन होने के बाद दूसरे वैकल्पिक स्थलों पर विचार किया जा रहा है, जिनमें लद्दाख का हानले भी शामिल है। 'थर्टी मीटर टेलीस्कोप' (टीएमटी) की स्थापना का मकसद ब्रह्मांड की नई जानकारियां जुटाना है। इसे हवाई के मौना की पर स्थापित किया जाना था लेकिन लोगों के विरोध और अदालती आदेश के बाद इसे रोकना पड़ा।
परियोजना निदेशक बाचम ईश्वर रेड्डी ने कहा, 'हवाई प्रांत की एजेंसियां अदालत की ओर से प्रक्रिया अपनाए जाने के बाद परमिट पर काम कर रही हैं। टीएमटी यूनिवर्सिटी ऑफ हवाई तथा दूसरी एजेंसियों के साथ विचार-विमर्श करते हुए विचार-विमर्श कर रहा है। कोशिश है कि टीएमटी की स्थापना मौना की पर हो।'
बहरहाल, परियोजना के महत्व को वित्तीय और वैज्ञानिक रूप से देखते हुए इसे लगाए जाने के लिए वैकल्पिक स्थलों पर भी विचार किया जा रहा है, जिनमें चिली, लद्दाख और दूसरे स्थान भी शामिल हैं।
इस योजना को लेकर फिलहाल इसकी तकनीक और तार्किकता का आकलन किया जा रहा है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि अगर यह परियोजना भारत आती है तो विकास के कई दरवाजे खुल जाएंगे।
गौरतलब है कि इस परियोजना में भारत 10 फीसदी का हिस्सेदार है। भारत के अलावा इसमें चीन, जापान, कनाडा और अमेरिका समेत अन्य कई देशों की भी साझीदारी है।
दरअसल, हवाई में इस टेलिस्कॉप को लगाए जाने योजना के खिलाफ प्रदर्शन होने के बाद दूसरे वैकल्पिक स्थलों पर विचार किया जा रहा है, जिनमें लद्दाख का हानले भी शामिल है। 'थर्टी मीटर टेलीस्कोप' (टीएमटी) की स्थापना का मकसद ब्रह्मांड की नई जानकारियां जुटाना है। इसे हवाई के मौना की पर स्थापित किया जाना था लेकिन लोगों के विरोध और अदालती आदेश के बाद इसे रोकना पड़ा।
परियोजना निदेशक बाचम ईश्वर रेड्डी ने कहा, 'हवाई प्रांत की एजेंसियां अदालत की ओर से प्रक्रिया अपनाए जाने के बाद परमिट पर काम कर रही हैं। टीएमटी यूनिवर्सिटी ऑफ हवाई तथा दूसरी एजेंसियों के साथ विचार-विमर्श करते हुए विचार-विमर्श कर रहा है। कोशिश है कि टीएमटी की स्थापना मौना की पर हो।'
बहरहाल, परियोजना के महत्व को वित्तीय और वैज्ञानिक रूप से देखते हुए इसे लगाए जाने के लिए वैकल्पिक स्थलों पर भी विचार किया जा रहा है, जिनमें चिली, लद्दाख और दूसरे स्थान भी शामिल हैं।
इस योजना को लेकर फिलहाल इसकी तकनीक और तार्किकता का आकलन किया जा रहा है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि अगर यह परियोजना भारत आती है तो विकास के कई दरवाजे खुल जाएंगे।
गौरतलब है कि इस परियोजना में भारत 10 फीसदी का हिस्सेदार है। भारत के अलावा इसमें चीन, जापान, कनाडा और अमेरिका समेत अन्य कई देशों की भी साझीदारी है।