आईएसआईएस के खतरे से भारत भी नहीं है अछूता : यूएई

Anwar Mohammed Gargash, अनवर मोहम्मद गरगाश, UAE, ISIS, इस्लामिक स्टेट, आईएसआईएस, संयुक्त अरब अमीरात, यूएई
अबू धाबी। इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) नामक आतंकी संगठन के खतरे से भारत को आगाह करते हुए संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने कहा है कि दाइश नाम से भी जाने जाने इस आतंकी संगठन के खिलाफ लड़ाई में यूएई भी शामिल है। संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के विदेश राज्यमंत्री अनवर मोहम्मद गरगाश ने चेताया है कि खुद को इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) कहने वाले आतंकी संगठन के खतरे से भारत भी महफूज नहीं।

गौरतलब है कि इस खाडी देश ने आईएसआईएस से संदिग्ध संपर्क रखने को लेकर करीब एक दर्जन भारतीयों को स्वदेश भेजा है। यूएई के विदेश राज्य मंत्री डॉ अनवर मोहम्मद गरगाश ने यहां कहा, ‘कोई अस्पष्ट क्षेत्र नहीं है। हमें इस (आईएसआईएस) खतरे से निपटने की जरुरत है और कोई भी अछूता नहीं है। यदि आप सोचते हैं कि आप बचे हुए हैं तो आप लापरवाही करने जा रहे, आप झेलने जा रहे।

यूएई के शहजादे शेख मोहम्मद बिन जायेद अल नहयान की बुधवार से शुरू हो रही तीन दिवसीय भारत यात्रा से पहले गरगाश ने एनडीटीवी से की गई बातचीत में कहा कि, 'यह लंबी अवधि का खतरा है, इसके खिलाफ हमें आपसी सहयोग कायम करने और जीरो टालरेंस बनाने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ द्विपक्षीय संबंध को मजबूत करना शाही यात्रा का एक अहम विषय होगा। आतंकवाद पर द्विपक्षीय सहयोग बहुत अच्छा चल रहा है और आगामी 12 महीनों में यह कहीं अधिक संस्थागत होगा तथा कहीं बेहतर तरीके से काम करेगा।

गरगाश ने जोर देते हुए कहा कि यूएई भारत के खिलाफ पाकिस्तान को या पाकिस्तान के खिलाफ भारत को नहीं उकसा रहा। भारत वैश्विक और क्षेत्रीय स्तर पर एक बड़ी शक्ति है और इसके साथ संबंध किसी तीसरे पक्ष से संबद्ध नहीं है।

भारत-यूएई के बीच संबंध को शानदार बताते हुए मंत्री ने कहा कि मोदी की यात्रा के दौरान संबंधों में रणनीतिक बदलाव की झलक दिख सकती है। मोदी एक बहुत ही व्यवहारिक व्यक्ति हैं और हर कोई उनके 'किया जा सकता है' वाले नजरिया से प्रभावित है। 'यह वही चीज है, जिसे हम करना चाहते हैं।'

गरगाश ने भारत में खासतौर पर बुनियादी ढांचा में निवेश बढ़ने की यूएई की प्रतिबद्धता का जिक्र किया। फिलहाल भारत में उसने करीब 10 अरब डॉलर निवेश कर रखा है। भारत में निवेशकों को पेश आ रही समस्याओं के बारे में उन्होंने कहा, 'हमें लालफीताशाही को कम करने और चीजों को आसान बनाने की जरूरत है।'

उन्होंने कहा, 'मैं स्पष्ट कानून, सहज क्रियान्वयन, न सिर्फ यूएई से बल्कि अन्य देशों से भी विदेशी निवेश का बड़े पैमाने पर आना देखना चाहता हूं।' द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों में बड़ी संभावना है, लेकिन उसे खोलना होगा।

इस लेख पर अपने विचार व्यक्त करें...

Related Posts

World 6357046864598443965
item