वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं पूर्व लोकसभा अध्यक्ष बलराम जाखड़ का निधन
https://khabarrn1.blogspot.com/2016/02/former-Lok-Sabha-speaker-balram-jakhar-passes-away.html
नई दिल्ली। कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में शुमार एवं लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष बलराम जाखड़ का आज तड़के राजधानी दिल्ली में निधन हो गया है। डिफेंस कॉलोनी स्थित उनके निवास स्थान में उन्होंने आज सुबह करीब 7 बजे अंतिम सांस ली। वे 92 साल के थे और पिछले काफी समय से बीमार चल रहे थे। वे हाई शुगर एवं ब्रेन स्ट्रोक की समस्या से ग्रसित थे। जाखड़ के पार्थिव शरीर को पंजाब के अबोहर ले जाया जाएगा, जहां उनके पैतृक गांव पंचकोशी में कल अंतिम संस्कार किया जाएगा।
सीकर से सांसद रह चुके बलराम जाखड़ की निधन की खबर मिलने पर कांग्रेस के कई नेताओं समेत राजनेता उनके अंतिम दर्शनों के लिए पहुंचने लगे हैं। राजस्थान से भी कांग्रेस के कई बड़े नेताओं ने गहरा दुख जताया है और उनके अंतिम दर्शन के लिए पहुंचने के लिए रवाना हो गए हैं।
वर्ष 1972 में विधानसभा में चयनित होने के साथ बलराम जाखड़ के राजनीतिक जीवन की शुरूआत हुई। 1977 में दोबारा जीतने के बाद उन्हें विपक्ष का नेता बनाया गया। फिरोजपुर निर्वाचन क्षेत्र से वर्ष 1980 में सातवीं लोकसभा के लिए चुने जाने के बाद बलराम जाखड़ को लोकसभा अध्यक्ष बनाया गया। अगली बार आठवीं लोकसभा चुनावों में भी वह सीकर निर्वाचन क्षेत्र से विजयी हुए।
वह 1980-1989 तक लोकसभा अध्यक्ष रहे। स्पीकर पद पर रहते हुए बलराम जाखड़ ने संसदीय कार्यों को कंप्यूटरीकृत और स्वचालित बनाने में विशेष योगदान दिया। बलराम जाखड़ ने संसदीय लाइब्रेरी, अध्ययन, संदर्भ आदि को प्रचारित करने जैसा प्रभावकारी कदम उठाया ताकि सांसदों के संसद संबंधी ज्ञानकोष को बढ़ावा दिया जा सके। इसके अलावा संसद अजायबघर की स्थापना भी बलराम जाखड़ का ही मुख्य योगदान है।
बलराम जाखड़ एशियाई मूल के पहले ऐसे व्यक्ति हैं, जिन्हें राष्ट्रमंडल सांसद कार्यकारी फोरम के सभापति के रूप में चयनित किया गया। 1991 में बलराम जाखड़ केन्द्रीय कृषि मंत्री भी बनाए गए। इसके अलावा वह 30 जून, 2022 से 30 मई, 2009 तक मध्य प्रदेश के राज्यपाल के रूप में भी एक सफल कार्यकाल पूरा कर चुके हैं।
सीकर से सांसद रह चुके बलराम जाखड़ की निधन की खबर मिलने पर कांग्रेस के कई नेताओं समेत राजनेता उनके अंतिम दर्शनों के लिए पहुंचने लगे हैं। राजस्थान से भी कांग्रेस के कई बड़े नेताओं ने गहरा दुख जताया है और उनके अंतिम दर्शन के लिए पहुंचने के लिए रवाना हो गए हैं।
वर्ष 1972 में विधानसभा में चयनित होने के साथ बलराम जाखड़ के राजनीतिक जीवन की शुरूआत हुई। 1977 में दोबारा जीतने के बाद उन्हें विपक्ष का नेता बनाया गया। फिरोजपुर निर्वाचन क्षेत्र से वर्ष 1980 में सातवीं लोकसभा के लिए चुने जाने के बाद बलराम जाखड़ को लोकसभा अध्यक्ष बनाया गया। अगली बार आठवीं लोकसभा चुनावों में भी वह सीकर निर्वाचन क्षेत्र से विजयी हुए।
वह 1980-1989 तक लोकसभा अध्यक्ष रहे। स्पीकर पद पर रहते हुए बलराम जाखड़ ने संसदीय कार्यों को कंप्यूटरीकृत और स्वचालित बनाने में विशेष योगदान दिया। बलराम जाखड़ ने संसदीय लाइब्रेरी, अध्ययन, संदर्भ आदि को प्रचारित करने जैसा प्रभावकारी कदम उठाया ताकि सांसदों के संसद संबंधी ज्ञानकोष को बढ़ावा दिया जा सके। इसके अलावा संसद अजायबघर की स्थापना भी बलराम जाखड़ का ही मुख्य योगदान है।
बलराम जाखड़ एशियाई मूल के पहले ऐसे व्यक्ति हैं, जिन्हें राष्ट्रमंडल सांसद कार्यकारी फोरम के सभापति के रूप में चयनित किया गया। 1991 में बलराम जाखड़ केन्द्रीय कृषि मंत्री भी बनाए गए। इसके अलावा वह 30 जून, 2022 से 30 मई, 2009 तक मध्य प्रदेश के राज्यपाल के रूप में भी एक सफल कार्यकाल पूरा कर चुके हैं।