प्रदेश में मॉडल बनेगा अजमेर का टीटी कॉलेज : देवनानी
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अजमेर। जिले के प्रभारी एवं शिक्षा राज्य मंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी ने कहा कि शिक्षा में शोध और शिक्षकों को दिए जाने वाले प्रशिक्षण में आमूलचूल परिवर्तन की आवश्यकता है। हम पुराने निर्धारित तरीकों पर चलने के बजाय शोध को स्थानीय संदर्भ और विषयों पर केंद्रित करें। शिक्षक भी विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों में सीखे गए नवाचारों को अपने विद्यालय में लागू करें। उन्होंने कहा कि शिक्षण के नवाचारों में अजमेर का राजकीय उच्च अध्ययन शिक्षा संस्थान पूरे प्रदेश में माॅडल टीटी काॅलेज बनेगा।
शिक्षा राज्य मंत्री प्रो. देवनानी ने आज जयुपर रोड स्थित राजकीय उच्च अध्ययन शिक्षा संस्थान का निरीक्षण किया तथा कार्य प्रणाली में सुधार से संबंधित बैठक ली। बैठक में प्रो. देवनानी ने कहा कि शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय एक ऐसी कड़ी है जो आगे जाकर समाज को शिक्षक उपलब्ध कराते है। यही शिक्षक विद्यार्थियों को पढ़ाकर सुयोग्य नागरिक और समाज का निर्माण करते है। हमें इस महत्वपूर्ण कड़ी को मजबूत करना होगा।
उन्होंने कहा कि अभी तक शिक्षण प्रशिक्षण महाविद्यालयों में शोध जिन तयशुदा नियमों व पद्धतियों पर कार्य कर रहा है। उनमें बदलाव एवं सुधार की आवश्यकता हैं। वर्तमान में शोध पाश्चात्य विद्वानों द्वारा प्रतिपादित नियम व सिद्धान्तों पर ज्यादा आधारित है। हमें इन नियमों व सिद्धान्तों को वर्तमान समय और परिप्रेक्षय में देखना होगा।
देवनानी ने कहा कि शिक्षा से जुड़ी शोध वर्तमान भारतीय समाज, परिवेश, समाज की मान्यताओं, शिक्षा में सरकार द्वारा लागू की गई विभिन्न योजनाओं, उनके परिणाम, विद्यार्थी की आवश्यकताओं, उसके परिणाम आदि पर आधारित होनी चाहिए। प्रत्येक शिक्षक प्रशिक्षणार्थी द्वारा की गई शोध की गहनता से जांच की जाए एवं उसमें सुधार की संभावनाओं को तलाशा जाए तभी शिक्षक प्रशिक्षण का मकसद सफल हो सकेगा।
शिक्षा राज्य मंत्री प्रो. देवनानी ने आज जयुपर रोड स्थित राजकीय उच्च अध्ययन शिक्षा संस्थान का निरीक्षण किया तथा कार्य प्रणाली में सुधार से संबंधित बैठक ली। बैठक में प्रो. देवनानी ने कहा कि शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय एक ऐसी कड़ी है जो आगे जाकर समाज को शिक्षक उपलब्ध कराते है। यही शिक्षक विद्यार्थियों को पढ़ाकर सुयोग्य नागरिक और समाज का निर्माण करते है। हमें इस महत्वपूर्ण कड़ी को मजबूत करना होगा।
उन्होंने कहा कि अभी तक शिक्षण प्रशिक्षण महाविद्यालयों में शोध जिन तयशुदा नियमों व पद्धतियों पर कार्य कर रहा है। उनमें बदलाव एवं सुधार की आवश्यकता हैं। वर्तमान में शोध पाश्चात्य विद्वानों द्वारा प्रतिपादित नियम व सिद्धान्तों पर ज्यादा आधारित है। हमें इन नियमों व सिद्धान्तों को वर्तमान समय और परिप्रेक्षय में देखना होगा।
देवनानी ने कहा कि शिक्षा से जुड़ी शोध वर्तमान भारतीय समाज, परिवेश, समाज की मान्यताओं, शिक्षा में सरकार द्वारा लागू की गई विभिन्न योजनाओं, उनके परिणाम, विद्यार्थी की आवश्यकताओं, उसके परिणाम आदि पर आधारित होनी चाहिए। प्रत्येक शिक्षक प्रशिक्षणार्थी द्वारा की गई शोध की गहनता से जांच की जाए एवं उसमें सुधार की संभावनाओं को तलाशा जाए तभी शिक्षक प्रशिक्षण का मकसद सफल हो सकेगा।