खुद के अंतिम संस्कार के लिए दिया लोगों को निमंत्रण और फिर लटक गया फांसी पर
https://khabarrn1.blogspot.com/2016/01/farmer-invited-people-for-his-funeral.html
मुंबई। महाराष्ट्र के मराठवाड़ा में जालना जिले के एक गांव में कर्ज से परेशान एक 40 वर्षीय एक किसान ने पहले तो खुद के अंतिम संस्कार के लिए लोगों को आमंत्रित किया और फिर उसके बाद फांसी के फंदे पर लटककर आत्महत्या कर ली। इस किसान ने जब ग्रामीणों को अपने अंतिम संस्कार के लिए निमंत्रण दिया लोगों ने उसकी इस बात को महज मजाक ही समझा। लेकिन जब अगले दिन लोगों ने उसे फांसी पर लटका हुआ देखा तो उनके होश उड़ गए।
शेषराव शेजुल नाम के इस किसान ने जब लोगों को निमन्त्रण दिया और अगले दिन खुद को फांसी पर लटका दिया तब उसके परिवार और अन्य गांववालों को इस बात का एहसास हुआ कि वह मजाक नहीं कर रहा था और अपना जीवन समाप्त करने की बात को लेकर सचमुच बहुत गंभीर था।
एक ग्रामीण ने कहा, शेषराव ने मुझे और गांव में कई अन्य लोगों को बताया कि वह हमें छोड़ कर चला जाएगा और उसने सभी ग्रामीणों को अंतिम सस्कार के लिए आमंत्रित किया लेकिन किसी ने उसकी बात को गंभीरता से नहीं लिया। उसने कहा, अगले दिन हमें उसका शव नीम के पेड़ से लटका मिला।
शेषराव ने पास दो एकड़ जमीन थी और मराठवाड़ा क्षेत्र में सूखे के कारण उसकी सोयाबीन की फसल बर्बाद हो गई। इसके अलावा उसने 80,000 रुपए का कर्ज लिया था और उसे अपनी बेटी के विवाह का इंतजाम करने की भी चिंता थी।
किसान की आत्महत्या की इस घटना के बाद सत्तारूढ भाजपा के सहयोगी दल शिवसेना ने देवेंद्र फडणवीस सरकार की आलोचना की। मुख्यमंत्री फडणवीस ने महाराष्ट्र में एफडीआई लाभ को मजबूत करने के लिए अगले महीने मेक इन इंडिया वीक का लाभ उठाने की योजना बनाई है।
शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में आज कहा, क्या शेषराव का निमंत्रण मंत्रालय पहुंचा यदि राज्य में इस प्रकार के हादसे जारी रहते हैं तो क्या हमें उन्हें मेक इन महाराष्ट्र कहना चाहिए। उसने कहा, क्या शेषराव और उसके जैसे हजारों अन्य किसानों की आत्महत्या को मेक इन महाराष्ट्र का उत्पादन कहा जाना चाहिए।
शेषराव शेजुल नाम के इस किसान ने जब लोगों को निमन्त्रण दिया और अगले दिन खुद को फांसी पर लटका दिया तब उसके परिवार और अन्य गांववालों को इस बात का एहसास हुआ कि वह मजाक नहीं कर रहा था और अपना जीवन समाप्त करने की बात को लेकर सचमुच बहुत गंभीर था।
एक ग्रामीण ने कहा, शेषराव ने मुझे और गांव में कई अन्य लोगों को बताया कि वह हमें छोड़ कर चला जाएगा और उसने सभी ग्रामीणों को अंतिम सस्कार के लिए आमंत्रित किया लेकिन किसी ने उसकी बात को गंभीरता से नहीं लिया। उसने कहा, अगले दिन हमें उसका शव नीम के पेड़ से लटका मिला।
शेषराव ने पास दो एकड़ जमीन थी और मराठवाड़ा क्षेत्र में सूखे के कारण उसकी सोयाबीन की फसल बर्बाद हो गई। इसके अलावा उसने 80,000 रुपए का कर्ज लिया था और उसे अपनी बेटी के विवाह का इंतजाम करने की भी चिंता थी।
किसान की आत्महत्या की इस घटना के बाद सत्तारूढ भाजपा के सहयोगी दल शिवसेना ने देवेंद्र फडणवीस सरकार की आलोचना की। मुख्यमंत्री फडणवीस ने महाराष्ट्र में एफडीआई लाभ को मजबूत करने के लिए अगले महीने मेक इन इंडिया वीक का लाभ उठाने की योजना बनाई है।
शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में आज कहा, क्या शेषराव का निमंत्रण मंत्रालय पहुंचा यदि राज्य में इस प्रकार के हादसे जारी रहते हैं तो क्या हमें उन्हें मेक इन महाराष्ट्र कहना चाहिए। उसने कहा, क्या शेषराव और उसके जैसे हजारों अन्य किसानों की आत्महत्या को मेक इन महाराष्ट्र का उत्पादन कहा जाना चाहिए।