युवाओं का राष्ट्र कार्य में संयोजन अनिवार्य : भदेल
अजमेर। महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिता भदेल ने शनिवार को राजकीय कन्या महाविद्यालय के वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह के अवसर पर कहा कि हमे...
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अजमेर। महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिता भदेल ने शनिवार को राजकीय कन्या महाविद्यालय के वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह के अवसर पर कहा कि हमें अधिकारों के बजाए कर्तव्यों के लिए पन्नाधाय की तरह लड़ना चाहिए। समाज में संस्कारों को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में स्थानान्तरित करने का दायित्व बेटियों का है। बेटियों को भविष्य में पारिवारिक जीवन के दौरान परिवार तथा संस्कृति को एक सूत्र में पिरोने की जिम्मेदारी निभानी होगी। जीजाबाई की तरह सुसंस्कारित नई पीढ़ी का निर्माण छात्राओं द्वारा किया जाएगा।
भदेल ने उपस्थित छात्राओं का आव्हान किया कि जीवन के इस महत्वपूर्ण पड़ाव में तय किए गए लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्राण प्रण से जुट जाना चाहिए। अपने सपनों को जगाकर ललक कायम करें और लक्ष्य प्राप्त कर अपनी विशिष्ट पहचान बनाए। सह शैक्षिक गतिविधियों में अलख रहने के साथ ही आगामी जीवन में भी आगे रहना शिक्षा की सम्पूर्णता दर्शाता है। उन्होंने कहा कि महाविद्यालय में अध्ययन के पश्चात नये जीवन की शुरूआत होती है। इसमें अर्जित ज्ञान को व्यवहार में लाने का अवसर मिलता है। परिवार और समाज में आधुनिकता के कारण आए बदलाव से अपनी योग्यताओं को प्रदर्शित करने की चुनौती को स्वीकार करने के लिए हरदम तैयार रहना चाहिए।
भदेल ने अपने सम्बोधन में कहा कि भारत युवाओं का देश है। हम सभी का कर्तव्य है कि युवा शक्ति का संयोजन राष्ट्र कार्य के लिए किया जाए। युवाओं को अनुशासन के साथ अपने कर्तव्य पालन की शिक्षा प्रदान की जानी चाहिए। युवाओं पर अध्ययन और सफल होने का दबाव बढ रहा है। इसका समय रहते सावधानी के साथ समाधान किया जाना चाहिए।
अरविन्द यादव ने अपने सम्बोधन में विवेकानन्द के आदर्शो पर चलकर स्वाभिमान जगाने की आवश्यकता बतायी। समारोह में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली छात्राओं को चल वैजयन्ती औद पदक प्रदान किए गए। छात्राओं द्वारा भंवाई लोक नृत्य, बंगाली लोक नृत्य, गजल भी प्रस्तुत की गई।
इस अवसर पर पार्षद राजेन्द्र सिंह राठौड़, महाविद्यालय प्राचार्य डाॅ. रेणु शर्मा, छात्र संघ अध्यक्ष सलोनी साहू और उपाध्यक्ष पूजा कुमावत सहित महाविद्यालय की छात्राएं उपस्थित थी।
भदेल ने उपस्थित छात्राओं का आव्हान किया कि जीवन के इस महत्वपूर्ण पड़ाव में तय किए गए लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्राण प्रण से जुट जाना चाहिए। अपने सपनों को जगाकर ललक कायम करें और लक्ष्य प्राप्त कर अपनी विशिष्ट पहचान बनाए। सह शैक्षिक गतिविधियों में अलख रहने के साथ ही आगामी जीवन में भी आगे रहना शिक्षा की सम्पूर्णता दर्शाता है। उन्होंने कहा कि महाविद्यालय में अध्ययन के पश्चात नये जीवन की शुरूआत होती है। इसमें अर्जित ज्ञान को व्यवहार में लाने का अवसर मिलता है। परिवार और समाज में आधुनिकता के कारण आए बदलाव से अपनी योग्यताओं को प्रदर्शित करने की चुनौती को स्वीकार करने के लिए हरदम तैयार रहना चाहिए।
भदेल ने अपने सम्बोधन में कहा कि भारत युवाओं का देश है। हम सभी का कर्तव्य है कि युवा शक्ति का संयोजन राष्ट्र कार्य के लिए किया जाए। युवाओं को अनुशासन के साथ अपने कर्तव्य पालन की शिक्षा प्रदान की जानी चाहिए। युवाओं पर अध्ययन और सफल होने का दबाव बढ रहा है। इसका समय रहते सावधानी के साथ समाधान किया जाना चाहिए।
अरविन्द यादव ने अपने सम्बोधन में विवेकानन्द के आदर्शो पर चलकर स्वाभिमान जगाने की आवश्यकता बतायी। समारोह में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली छात्राओं को चल वैजयन्ती औद पदक प्रदान किए गए। छात्राओं द्वारा भंवाई लोक नृत्य, बंगाली लोक नृत्य, गजल भी प्रस्तुत की गई।
इस अवसर पर पार्षद राजेन्द्र सिंह राठौड़, महाविद्यालय प्राचार्य डाॅ. रेणु शर्मा, छात्र संघ अध्यक्ष सलोनी साहू और उपाध्यक्ष पूजा कुमावत सहित महाविद्यालय की छात्राएं उपस्थित थी।