पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने किया तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय एसपीजी समिट उद्घाटन
इस अवसर पर पेट्रोलियम धर्मेन्द प्रधान ने कहा कि आज देश में नित-नई तकनीकें सामने आ रही है और पेट्रोलियम क्षेत्र में भी इन तकनीकों से काफी सहायता एवं सहुलियत मिल रही है। चूंकि किसी भी जगह पर तेल क पनियों की ओर से ड्रिलींग करने से पहले उस जगह की अच्छी तरह से जांच की जाती है, जिसमें उससे निकलने वाले तेल के प्रवाह की रफ़्तार समेत जमीनी आद्रता एवं नमी को नापने के लिए कई प्रकार की जांच की जाती है।
उन्होंने कहा कि इन तमाम जांचों में तकनीक की बदौलत काफी सहूलियत मिलती है, जिससे किसी भी प्रकार के रिस्क फेक्टर को न सिर्फ कम किया जा सकता है, बल्कि तकनीकी सहयोग से रिस्क को खत्म कर ड्रिलींग की जाती है। इन तमाम वजहों को लेकर तकनीक से हमें काफी सहूलियत मिल रही है, जिसके विकास के लिए हमें आपसी बातचीत की जानी चाहिए तथा पेट्रेलियम क्षेत्र में उत्पादन बढ़ाए जाने की दिशा में कदम बढ़ाने चाहिए।
उन्होंने विश्वास जताया कि तेल उद्योग से जुड़े विश्वभर के दिग्गज इस सम्मलेन तथा प्रदर्शनी में सहभागिता कर रहे हैं, जो इस उद्योग की सर्वोत्तम प्रथाओं पर विचार विनिमय के लिए मंच प्रदान करेगा।
गौरतलब है कि एसपीजी की ओर से आयोजित किए जाने वाले द्विवर्षीय सम्मेलनों की शृंखला में यह ग्यारहवी द्विवर्षीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन एवं प्रदर्शनी हैं, जिसका आयोजन हरित पर्यावरण अनुकूल स मेलन के रूप में राजस्थान में पहली बार किया जा रहा है। इस बार समिट की थीम 'सोल्यूशन थ्रू टेक्नॉलोजी अनसर्टेनटी टू पॉसिब्लीटी' रखीा गई है, जिसमें कागज का न्यूनतम उपयोग कर इसकी बचत के लिए सभी तकनीकी कागजात और सम्मलेन की कार्यवाही ऑन-द-गो पेन ड्राइव द्वारा की जा रही है।
इस महासम्मेलन में विश्व की करीब 40 अंतरराष्ट्रीय तेल कंपनियां तथा 15 प्रमुख शैक्षणिक संस्थाओं के 1000 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं, जिनमें करीब 350 विदेशी प्रतिनिधि भी शामिल हैं। समिट में सहभागिता निभाने वाली कंपनियों में एसईजी, यूएसए के निर्वाचित प्रेसिडेंट विलियम एल एब्रियल, ईएजीई, नीदरलैंड की कार्यकारी सुवेलेंटिना सोकको, जियोटोमो के ओज इलमाज, डॉ. फ्रेड हिल्टरमैन, डॉ. स्टुअर्ट वैली, कंट्री मैनेजर, पेराडायम प्रमुख हैं।