सोशल मीडिया पर होगी पुलिस की साइबर पहरेदारी
जानकारी के अनुसार फेसबुक एवं वाट्स जैसे सोशल मीडिया संसाधनों के दुरूपयोग पर काबू पाने के लिए राज्य सरकार की ओर से नए कानून का मसौदा तैयार किए जाने की तैयारियां की जा रही है। इसके तहत गृहमंत्री के आदेश पर गृह विभाग और पुलिस मुख्यालय की ओर से सोशल मीडिया के दुरूपयोग पर लगाम कसने के लिए नए बिल के ड्राफ्ट पर काम किया जा रहा है।
गौरतलब है कि वर्तमान में सोशल मीडिया का दुरूपयोग कर कई लोग फेसबुक-वाट्सऐप पर बने ग्रुपों पर अफवाहें फैलाकर साम्प्रादायिक माहौल बिगाड़ देते हैं और उन्माद फैलाते हैं। इस प्रकार के लोगों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने के लिए अभी कोई सख्त कानून नहीं है। ऐसे में नए बिल के माध्यम से सोशल मीडिया का दुरूपयोग कर माहौल बिगाडऩे वालों से सख्ती के साथ निपटा जा सकेगा।
सोशल मीडिया के जरिए धार्मिक सामाजिक माहौल बिगाडऩे वालों के खिलाफ अभी आईपीसी की धारा 153 में कार्रवाई की जाती है। साइबर एक्ट की धाराएं लगाई जाती है, लेकिन अभी इसमें सजा केवल तीन साल तक की है। सोशल मीडिया पर नियंत्रण के लिए प्रस्तावित कानून में सजा को और बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है।
सोशल मीडिया पर नियंत्रण के लिए पुलिस को कानूनी और तकनीकी अधिकार और बढाए जाएंगे। साइबर एक्सपर्ट का प्रावधान शामिल किया जाएगा। नए बिल के ड्राफ्ट के सामने आने के बाद ही नए बिल के प्रावधानों पर खुलासा हो सकेगा।
साइबर एक्सपर्ट की संभागवार भर्ती
सोशल मीडिया पर नजर रखकर नियंत्रण पाने के कानून के साथ-साथ प्रत्येक संभाग स्तर पर पांच साइबर एक्सपर्ट की भर्ती की जाएगी, जो विभिन्न सोशल मीडिया पर होने वाली गतिविधियों पर नजर रखेंगे। ये एक्सपर्ट किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर संदिग्ध गतिविधि अथवा गड़बड़ी नजर आने पर गड़बड़ी फैलाने वालों को ट्रैस करके तुरंत कार्रवाई की सिफारिश करेंगे।जानकारी के अनुसार इन एक्सपर्ट्स की भर्ती की घोषणा आने वाले बजट में की जा सकती है। नए एमसीए और बीटेक डिग्रीधारी युवाओं को पुलिस में भर्ती किया जाएगा। ये साइबर एक्सपर्ट पुलिस के साथ काम करेंगे, लेकिन वर्दी नहीं पहनेंगे और इनकी ड्यूटी भी पुलिसे से अलग ही रहेगी।