मुख्यमंत्री वुसंधरा राजे ने की प्रदेश में खुशहाली की कामना
इससे पहले मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने ग्वालियर घाट पहुंची, जहां पंडितों द्वारा मंत्रोच्चार के साथ पूजा करवाई गई। मुख्यमंत्री के दो दिवसीय अजमेर दौरे के तहत आज पुष्कर में ब्रह्मा मंदिर में पूजन-आरती के साथ ही अजमेर स्थित विश्वविख्यात सूफी संत ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह में भी जियारत की और ख्वाजा की बारगाह में सिर झुकाकर प्रदेश मे अमन-चैन और खुशहाली की दुआ मांगी।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने पुष्कर में चल रहे मेले में भ्रमण किया और वहां की व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के पुष्कर यात्रा को देखते हुए प्रशासन ने यहां पर विशेष तैयारियां की। यहां पर उनके आगमन से पहले रंगोली संजाई गई, तो घाट को स्वच्छ और सौन्दर्यीकृत किया गया।
आज जैसेे ही मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पुष्कर में पहुंची वैसे ही घाट में पब्लिक मुवमेंट रोक दिया गया। मुख्यमंत्री यहां पर विधि-विधान से पुष्कर सरोवर पर पूजा की। इसके बाद मुख्यमंत्री जगतपिता ब्रह्म मंदिर में पहुंची, जहां उन्होंने विशेष पूजा-अर्चना की और प्रदेश में खुशहाली का कामना की।
इससे पहले उन्होंने ग्वालियर पर पंडितों के सानिध्य में मंत्रोच्चार के साथ पूजा की। मुख्यमंत्री ने घाट परिसर में स्थित कोटेश्वर महादेव मंदिर में शिव परिवार की स्तुति भी की इसके पश्चात् उन्होंने अपनी आराध्य मां चामुण्डा के मंदिर में श्रद्घा से माथा टेका। उन्हें पुरोहित सिद्घार्थ डोल्या एवं गौतम डोल्या ने पूजा करवाई। मुख्यमंत्री ने वहां पुरोहित की बही में भी हस्ताक्षर किए।
इसके बाद मुख्यमंत्री ने बस स्टेण्ड के समाने ईटी सेल का भी निरीक्षण किया, जहां से सीएम का अजमेर पहुंचकर विश्वविख्यात सूफी संत ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह में भी जियारत कर ख्वाजा की बारगाह में सिर झुकाकर प्रदेश मे अमन-चैन और खुशहाली की दुआ मांगी।
मुख्यमंत्री ने दरगाह में जियारत की और उनकी पवित्र मजार पर अकीदत के फूल पेश किए। उन्होंने मजार शरीफ पर हरे रंग की चादर भी चढ़ाई। उन्होंने दरगाह के आस्ताने शरीफ में गरीब नवाज से प्रदेश की तरक्की, खुशहाली तथा अमन-चैन की दुआ की।
इस दौरान मुख्यमंत्री को खादिम अफसान चिश्ती ने जियारत कराकर चुनरी ओढ़ाई और तबर्रूख भेंट किया। इससे पहले राजे की दरगाह के मुख्य निजाम द्वार पहुंचने पर परम्परागत तरीके से अगुवानी की गई। बुलन्द दरवाजे से उन्होंने सिर पर चादर रखी और मजार शरीफ पहुंची।